पांवटा साहिब, 18 अगस्त : हिमाचल को उत्तराखंड से जोड़ने वाला ‘यमुना ब्रिज’ दर्द से कराह रहा है। अगर सामान्य तरीके से ट्रैफिक चलता रहे तो पुल को कोई परेशानी नहीं है। लेकिन अगर एक छोर से दूसरे छोर तक लोडिड ट्रकों की कतार दोनों तरफ से लग जाए तो खुद ही अंदाजा लगा लीजिए कि इस पुल की हालत क्या होगी। पुल को तो खतरा है ही, साथ ही आम लोगों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। हालात रात को बदतर हो जाते हैं।
उत्तराखंड की तरफ से दाखिल होने वाले वाहनों को टोल टैक्स चुकाना होता है। यही वजह है कि वाहनों की कतारें लग जाती हैं। बेशक ही इस पुल को अब भी सुरक्षित माना जाता है, मगर जब लोडिड ट्रक पुल पर खड़े होते हैं तो उस समय पुल से पैदा होने वाली कंपन हर किसी को डरा देती है। रविवार रात को उत्तराखंड की तरफ से आ रही एक महिला ने पुल पर बढते बोझ की पोल खोलने के मकसद से एक वीडियो बना इसे एमबीएम न्यूज नेटवर्क को भेजा। इसे देखकर साफ तौर पर नजर आ रहा है कि हालात खराब हैं।
बता दें कि ये ही एकमात्र पुल है, जो हाईवे को उत्तराखंड से जोड़ता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब पुल पर वन-वे ट्रैफिक जैसे कड़े निर्णय लेने का वक्त आ गया है। इसके अलावा हिमाचल की तरफ टोल टैक्स की वसूली को लेकर भी उचित कदम उठाए जाने चाहिए। ऐसा भी नहीं है कि दोनों राज्यों के प्रशासन खासकर हिमाचल को इस बात के बारे में पता नहीं है, लेकिन धरातल पर कोई कार्रवाई नजर नहीं आ रही। दीगर है कि इसी हाईवे पर बाता नदी का पुल भी बूढ़ा हो गया था, मगर समय रहते ही नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ने नए पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था।
Watch Video : https://youtu.be/wG5F_o5jo4g
जानकारी के मुताबिक लगभग चार दशक पहले यमुना पुल वजूद में आया था। इसकी लंबाई भी आधा किलोमीटर से अधिक है। उत्तराखंड व हिमाचल के लिए ये पुल बेहद ही महत्वपूर्ण है। खास बात यह है कि राज्य के ऊर्जा मंत्री सुखराम चैधरी के गृह क्षेत्र में ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं। करीब डेढ़ दशक पहले कालाअंब में मारकंडा ब्रिज अचानक ही भरभरा कर गिर गया था। उस समय औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के ट्रक इस पुल पर खड़े हुआ करते थे। कुल मिलाकर समय रहते ही ठोस कदम उठा लिए जाने चाहिए, अन्यथा अचानक ही पुल के ढह जाने से विकट स्थिति पैदा हो सकती है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर ने कहा कि इस समस्या के निस्तारण को लेकर उचित कदम उठाए जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि टोल टैक्स वसूली की वजह से भी समस्या बढ़ी है।