पांवटा साहिब, 3 अगस्त : हिमाचल की सीमा को उत्तराखंड से विभाजित करने वाली उफनती यमुना नदी की जलधारा में डूबने वालों को नव जीवन देने के लिए प्राणरक्षकों की टीम मुस्तैद है। इस टीम में होमगार्ड के दो जवानों के अलावा तीन गोताखोर शामिल हैं। महज तीन दिन के भीतर दो युवकों को डूबने से इस टीम ने बचाया है।
मंगलवार को होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा 23 साल का युवक नशे की हालत में नदी में कूद गया था। तुरंत ही होमगार्ड के जवानों के साथ गोताखोर हरकत में आ गए। 350 मीटर तक बह जाने के बावजूद रोहन को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। वो इस कारण नदी में कूद गया था, क्योंकि उस पर शराब पीने को लेकर परिवार ने गहरी आपत्ति जताई थी। इससे पहले बद्रीपुर के रहने वाले अनमोल ने भी नदी में कूद कर सुसाइड करने की कोशिश की थी। शुरूआती जांच में कूदने की वजह गर्लफ्रेंड से नाराजगी पता चली थी। जांच में पुलिस को ये पता चला था कि राजस्थान की रहने वाली युवती सोशल मीडिया के माध्यम से उसकी गर्लफ्रेंड बनी थी।
अचानक ही युवती ने उससे बात करनी बंद कर दी। इसी से खफा होकर वो नदी में कूद गया। गनीमत इस बात की रही कि जलधारा की प्राणरक्षक टीम ने उसे समय रहते ही बचा लिया। इस टीम में होमगार्ड संजू शर्मा व जगदीश चंद के अलावा गोताखोर प्रदीप कुमार, राजेश कुमार, अभिमन्यु, सोनू कश्यप व ओम प्रकाश शामिल हैं। इस टीम में शिफ्ट के तहत डयूटी दी जाती है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर सिंह ने कहा कि यमुनाघाट के आसपास के इलाके में गोताखोरों को स्थाई तौर पर नियुक्त किया गया है, ताकि अप्रिय घटना की स्थिति में तुरंत एक्शन लिया जा सके। उन्होंने बताया कि इस टीम में दो होमगार्ड जवान भी शामिल हैं। डीएसपी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर दो युवकों को नवजीवन दिया गया है।