शिमला, 31 मार्च : हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के एडमिशन ब्रोशर की उस शर्त को हिमाचल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमे यह प्रावधान था कि यदि किसी उम्मीदवार ने स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन पत्र भरते समय वित्तपोषण योजना (एसएफएस) उम्मीदवारी के लिए विकल्प नहीं दिया तो उसे बाद में इस श्रेणी में दाखिला नहीं दिया जाएगा।
इस शर्त को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किए गए संपूर्ण अभ्यास का मुख्य उद्देश्य छात्रों को योग्यता के आधार पर प्रवेश सुनिश्चित करना है । ऐसा मामला हो सकता है जहां एक उम्मीदवार के एसएफएस उम्मीदवार की तुलना में अधिक अंक है। शुरू में एसएफएस सीट के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की तुलना में उसकी योग्यता अधिक है। सामान्य सीट के खिलाफ प्रवेश नहीं मिलने पर वह उम्मीदवार SFS सीट के लिए आवेदन करने के लिए इच्छुक हो सकता है।
अधिक अंक होने के कारण उसके दाखिले की संभावना के लिए योग्यता अधिक हो सकती है। ऐसी स्थिति में ऐसे उम्मीदवार को एसएफएस सीट के लिए चुनने की अनुमति देना उचित होगा है और निश्चित रूप से कुछ मेधावी उम्मीदवार का एसएफएस सीट के खिलाफ भी प्रवेश सुनिश्चित करेगा। जबकि ऐसे अभ्यर्थियों को इस तरह का विकल्प करने के लिए मना कर दिया है।
न्यायालय ने कहा कि इस तरह का विकल्प,उपलब्ध मेधावी उम्मीदवार की कीमत पर बाद के चरण में हो सकता है और उम्मीदवार का प्रवेश हो सकता है।