धर्मशाला, 22 फरवरी : हिमाचल में युवा आईएएस अधिकारियों की फेहरिस्त में शामिल राकेश प्रजाप्रति के घर नन्हीं परी आई है। 2012 बैच के आईएएस अधिकारी इस समय सूबे के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में बतौर उपायुक्त तैनात हैं। बड़ी बेटी इसी साल 5 मार्च को दो साल की हो जाएगी।
आईएएस अधिकारी के घर लक्ष्मी का आगमन कांगड़ा के निजी अस्पताल फोर्टिज में हुआ। कोरोना संकट के दौरान आईएएस अधिकारी की कार्यशैली बेहतरीन आंकी गई थी। खुद भी परिवार सहित संक्रमित हुए। उत्तर प्रदेश के बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले आईएएस अधिकारी के पिता आर्मी में सूबेदार के पद से सेवानिवृत हुए हैं। कांगड़ा में डीसी बनने से पहले ऊना व हमीरपुर में भी उपायुक्त के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बीटस पिलानी से मैकेनिकल व कंप्यूटर इंजीनियर की डिग्री हासिल कर चुके आईएएस राकेश प्रजापति ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि घर पर दूसरी बार लक्ष्मी के आगमन से बेहद ही खुश हैं। गौरतलब है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत भी आईएएस अधिकारी ने कई सराहनीय कदम उठाए हैं।
बता दें कि 25 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने वाले राकेश प्रजापति को कोरोना वायरस को हराने में देश के रियल एक्शन हीरो के अवार्ड से भी इंडिया टुडे गु्रप द्वारा अलंकृत किया जा चुका है। 2019 में ऊना के उपायुक्त रहने के दौरान भी बेटियों के जन्म पर वो माता-पिता के घर पहुंच जाया करते थे। इसी जिला में उनकी पहली बेटी काशवी का जन्म हुआ था।
बतौर डीसी कार्यभार संभालने के बाद बेटियों के संरक्षण के लिए ऊना उत्कर्ष योजना को भी शुरू किया था। उनका यह भी मानना है कि हम दूसरों के लिए तभी उदाहरण बन सकते हैं, जब स्वयं उस पर खरा उतरें।