नाहन: अस्पताल पहुंचने वाले हर मरीज के लिए भगवान से बढ़कर डॉक्टर होता है, इस बात को बखूबी ही चिकित्सक भी जानते हैं। लेकिन कई बार रोगियों के लिए भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों को खुद की जान की ज्यादा परवाह हो जाती है। दरअसल आज मेडिकल कॉलेज के परिसर में एक रोगी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने को लेकर हड़कंप मच गया, जबकि दोपहर बाद रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई।
पुख्ता सूत्रों की मानें तो अफवाह फैलने की वजह यह थी कि मेडिकल अधीक्षक डीडी शर्मा ने स्टाफ को अपने क्वारटाईन में जाने की बात कह दी। यहां तक कि शीर्ष अधिकारियों को भी क्वारनटाईन पर जाने को लेकर सूचना दे दी। अंदर खाते इस बात पर चर्चा शुरू हो गई कि जब मेडिकल अधीक्षक ही क्वारंटाईन पर जा रहे हैं तो लाजमी तौर पर 22 तारीख की रात अस्पताल में दाखिल हुआ रोगी पॉजिटिव ही है, जबकि असल में ऐसा नहीं था। हालांकि मेडिकल अधीक्षक पहले भी कई मर्तबा विवादों में रह चुके हैं, लेकिन मेडिकल अधीक्षक के इस तरह के गैर जिम्मेदाराना रवैया को देखकर विभाग ने उन्हें आज शाम डिप्टी डायरेक्टर की प्रमोशन देकर तब्दील कर दिया है, डॉ. अजय शर्मा को कार्यवाहक मेडिकल अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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सूत्रों का यह भी कहना है कि रोगी के पॉजिटिव पाए जाने को लेकर फैली अफवाह पर फैक्ट फांईडिंग कमेटी भी गठित की गई है। इसकी रिपोर्ट भी प्रिंसिपल को मिल चुकी है। सवाल इस बात पर उठ रहा था कि जब मेडिकल अधीक्षक स्तर के अधिकारी ही इस तरह का रवैया अपनाएंगे तो लाजमी तौर पर स्टाफ के अलावा लोगों में भी पैनिक हो जाएगा। बहरहाल विभाग ने डॉ. डीडी शर्मा को प्रमोट कर दिया है, लेकिन इतना तय है कि ऐसा विभाग ने इस कारण किया है क्योंकि इस तरह की परिस्थितियों को हैंडल करने में नाकामयाब साबित हो रहे थे। गनीमत है कि मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आई है,मगर इतना जरूर है कि कई पहलुओं पर विभाग को सबक मिल गया है। काउंसलिंग के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके अलावा लोगों के लिए हैल्पलाईन नंबर भी विभाग द्वारा जारी किया गया है ताकि घर से ही रोगी पुछताछ कर सकें। दीगर है कि प्रिंसिपल को अफवाह पर रोक लगाने के लिए प्रेस विज्ञप्ति भी जारी करनी पड़ी थी।