नाहन(एमबीएम न्यूज): बीती शाम करीब 9 बजे शाही महल में जमीन से लगभग 50 फुट ऊंचाई पर लाल बत्ती जलती देख हर किसी के मन में जिज्ञासा पैदा हो गई। कुछ पलों बाद पहाड़ी वाद्ययंत्रों की धुनों पर जब 11 साल के लक्ष्यराज अपने पिता महाराज नरेंद्र सिंह के साथ गाड़ी से उतरे तो जवाब मिल गया। पता चला कि रियासत के 11 वर्षीय राजा लक्ष्यराज पहुंचे हैं।
15 मई 2013 को लक्ष्य का शाही अंदाज में महल में रियासत की परंपराओं के मुताबिक राजतिलक हुआ था। चूंकि अब राजशाही नहीं है, लिहाजा इस कार्यक्रम को बाद में मंगलतिलक का नाम दे दिया गया। लक्ष्य के मंगलतिलक के कार्यक्रम में एक दर्जन से अधिक रियासतों के वंशजों के अलावा डिंपल कपाडिय़ा व स्व0 सुनंदा पुष्कर जैसी हस्तियां उपस्थित हुई थी। हर कोई इस बात की इंतजार में था कि रियासत के राजा अपनी नानी व जयपुर की राजमाता पदमिनी देवी के घर से कब अपनी रियासत में लौटेंगे।
लगभग डेढ़ साल बाद लक्ष्य मंगलतिलक के बाद नाहन आए। 9 साल की उम्र में रियासत के राजा बने लक्ष्यराज बालिग नहीं है, लिहाजा उनके कस्टोडियन के तौर पर पूर्व विधायक व राजवंश के सदस्य कंवर अजय बहादुर सिंह को नवाजा गया था। मंगलवार सुबह सिरमौर के शाही महल पर रियासत का झंडा भी लहरा रहा था। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब पड़ताल की तो बताया गया कि रियासत के शासक जब महल में मौजूद होते थे तो उस वक्त यही झंडा लहराया जाता था।
अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश का निधन दिसंबर 1964 में हो गया था। इसके बाद से न तो किसी ने शाही महल के प्रवेश द्वार पर लाल बत्ती जलती देखी थी ओर न ही झंडा। अलबत्ता 15 मई 2013 को झंडा उस वक्त लहराया गया था, जब लक्ष्य की ताजपोशी बतौर शासक के तौर पर की गई। हालांकि स्पष्ट नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि लक्ष्य का अपने पिता के साथ 22 अक्तूबर तक नाहन में ही रुकने का कार्यक्रम है।
क्या है अंतिम शासक की पारिवारिक स्थिति?
सिरमौर के अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश की दो पत्नियां रही। इंदिरा देवी की बेटी पदमिनी देवी का विवाह जयपुर के शासक भवानी सिंह से हुआ। पदमिनी देवी की बेटी दीया कुमारी हैं, जो मौजूदा में राजस्थान विधानसभा की सदस्य भी हैं। दीया के बड़े बेटे पदमनाभ सिंह को जयपुर की गद्दी मिली। जबकि छोटे बेटे लक्ष्यराज को सिरमौर रियासत का शासक बनाया गया। उधर अंतिम शासक की दूसरी पत्नी दुर्गा देवी की बेटी नलिनी थी। उनके बेटा उदय प्रकाश है। शासक की पत्नी दुर्गा देवी ने अपने दोहते उदय प्रकाश को पति राजेंद्र प्रकाश का दत्तक पुत्र घोषित कर दिया था।