नाहन (एमबीएम न्यूज): डीसी सिरमौर, बीसी बडालिया ने कहा है कि सिरमौर जिला में अदरक, लसुहन और टमाटर पर आधारित विधायन इकाई स्थापित करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान द्वारा सिरमौर में अदरक फसल पर आधारित विधायन इकाई स्थापित करने के लिए अपनी संस्तुति दी गई है। उपायुक्त आज पांवटा के समीप गोंदपुर स्थित चैंबर भवन में भारतीय विदेश व्यापान संस्थान शिमला के सौजन्य से आयोजित निर्यात जागरूकता शिविर का शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि जिला के प्रत्येक उप-मंडल में एक-एक स्थानीय उत्पाद पर आधारित उद्योग लगाने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घरद्वार पर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। उन्होंने जानकारी दी कि जिला में कार्यरत औद्योगिक ईकाईयों के माध्यम से सरकार को विभिन्न प्रकार के करों के माध्यम से 200 करोड़ से अधिक राशि प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि जिला में स्थापित इकाईयों में 70 हजार करोड़ से अधिक का वार्षिक टर्नओवर है।
उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला प्रदेश मे औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है और सिरमौर जिला में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के दृष्टिगत उद्योग विभाग द्वारा पांवटा साहिब के समीप अ बोया में 14 सौ बीघा भूमि का चयन कर लिया गया है ताकि जिला में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित होने से रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। उपायुक्त ने कहा कि जिला में वर्तमान में 16 सौ छोटे, मध्यम व बड़े स्तर की औद्योगिक ईकाईयां कार्यरत है जिसमें चार हजार करोड़ का निवेश और 26 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त है।
उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के सृजन पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोदपुर में एक करोड 20 लाख की लागत से पेयजल योजना कार्यान्वित की जा रही है जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। उन्होंने जानकारी दी कि सरकार द्वारा पहली जनवरी 2015 से उद्योगों के पंजीकरण की ऑन लाईन सुविधा प्रदान कर दी गई है। उन्होने बताया कि पिछड़े विकास खंडों में उद्योग स्थापित करने के लिए निवेशक को सात वर्ष के लिए कुल एफसीआई पर 60 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त नए उद्योग स्थापित करने पर स्टैंप डियूटी पर 50 प्रतिशत छूट और प्लांट व मशीनरी पर 15 प्रतिशत पूंजी अनुदान की राशि मार्च 2017 तक सरकार द्वारा जारी रखने का निर्णय लिया गया है। महाप्रबंधक उद्योग ज्ञान चौहान ने कहा कि सिरमौर में आईआईएफटी द्वारा पहली बार निर्यात जागरूकता शिविर लगाया है, जोकि विशेषकर उद्यमियों के लिए काफी लाभदायक साबित होगा।
आईआईएफटी की प्रभारी, डॉ. टी चतुर्वेदी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सिरमौर में खाद्य संस्करण पर आधारित फूड प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस दिशा में उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस मौके पर एसडीएम पांवटा एचएस राणा, आईआईएफटी के विशेषज्ञ एमपी सिंह सहित विभिन्न उद्यमियों ने भाग लिया।