एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
उत्तर भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के खजाने में हर वर्ष वृद्धि हो रही है। वितीय वर्ष 2017-18 में मंदिर को चढ़ावे के रूप में हुई आमदनी करीब 25 करोड़ तक पंहुच गई है। विडंबना यह है कि वार्षिक चढ़ावे में प्रतिवर्ष वृद्धि होने के बावजूद भी आज बाबा बालक नाथ पौणाहारी की नगरी मुलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है। हर वर्ष करोड़ों का चढ़ावा चढाने वाले श्रद्धालु आज भी उन मुलभूत सुविधाओं के लिए यहाँ आने पर तरसते है। जिनकी वे वर्षों से आस लगाये बैठे है। ऐसे में मंदिर की आमदनी को खर्च करने की व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिह्न लगते आ रहे है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर तक मंदिर का चढ़ावा लगभग 24 करोड़ 80 लाख रूपये चढ़ा। इसमें से मात्र 5 करोड़ रूपये ही विकास कार्यों पर खर्च किया गया। बाकि का सारा पैसा मंदिर के 35 भागीदारों में उनके अनुपात अनुसार वितरित किया गया। मंदिर आधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इसके अलावा शुद्ध चांदी 1 क्विंटल 26 किलो 286 ग्राम, अशुद्ध चाँदी 2 क्विंटल, 32 किलो 689 ग्राम, 446 मिलीग्राम है। जिसमे से 1 क्विंटल 89 किलो 132 ग्राम 946 मिलीग्राम चांदी न्यास ने पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर में जमा कर रखी है। जबकि 45 किलो 560 ग्राम 500 मिलीग्राम मंदिर के स्ट्रांग रूम में रखी गई है।
इसके अलावा मंदिर में शुद्ध सोना 21 किलो 529 ग्राम 800 मिलीग्राम है। जिसमे से 19 किलो 618 ग्राम सोना पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर में रखा गया है। जबकि 1 किलो 911 ग्राम 800 मिलीग्राम सोना मंदिर के स्ट्रांग रूम में रखा गया है मंदिर अधिकारी ओपी लखनपाल ने बताया कि इसके अलावा 3 किलो 956 ग्राम 90 मिलीग्राम शुद्ध सोना जिसे एसबीआई गोल्ड स्कीम के तहत चंडीगढ़ में जमा करवाया गया है। जबकि 930 ग्राम 30 मिलीग्राम शुद्ध सोना पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर में रखा गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर का विकास व श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध करवाना उनकी प्राथमिकता है। आने वाले मार्च माह के चैत्र मेलों के दौरान श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधाओं को प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे है।