जोेगिंद्रनगर (ओमप्रकाश चौहान): हालांकि जोगिंद्रनगर के शमशानघाट के साथ शिवाजी पार्क की सुंदरता के प्रदेश भर में चर्चे हैं लेकिन नगर पंचायत द्वारा पार्क में रखा गया रेत, बजरी व पत्थर उसकी खूबसूरती पर बदनुमा दाग की तरह लगते हैं। यह पार्क अपनी खूबसूरती व व्यवस्था के लिए हर जगह जाना जाता है ।
पार्क में रेत, बजरी व पत्थरों का डंप समझ से परे हैं हालांकि यह किसी काम का नहीं होता। गुगली खड्ड से नगर पंचायत की लेबर इसे निकालती है और पार्क में ढेर लगा दिए जाते हैं। ऐसा लंबे अरसे से किया जा रहा है। खड्ड से रेत बजरी या पत्थर निकालना अवैध खनन के दायरे में आता है और इसकी किसी को अनुमति नहीं है। अवैध खनन के प्रति सरकार का रवैया बेहद सख्त है और इसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने के आदेश सरकार द्वारा दिए गए हैं। दूसरी ओर, नगर पंचायत अगर यह निर्माण सामग्री निकलवा रही है तो जाहिर है कि यह शहर में होने वाले विकास कार्यों में ही कहीं न कहीं प्रयोग की जाएगी जबकि निर्माण कार्यों में अधिकतर क्रशर का रेत-बजरी लगाए जाने का प्रावधान होता है।
शिवाजी पार्क का निर्माण करवा रहे प्रधान रमेश सूद का कहना है कि यह सब ढेर नगर पंचायत की लेबर द्वारा लगाए गए हैं। नगर पंचायत की अध्यक्ष प्रतिमा का कहना है कि हालांकि मामला उनके ध्यान में नहीं फिर भी अगर नगर पंचायत की लेबर ऐसा काम कर रही है तो संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए जाएंगे।
सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के सहायक अभियंता भरत भूषण गोयल का कहना है कि उपमंडल अधिकारी नागरिक के कार्यालय में जब एसडीएम, नगर पंचायत व आईपीएच के विभागीय अधिकारी भी बैठक में थे तो यह तय हुआ था कि गुगली खड्ड में बनाए गए चैकडैम में बार-बार रेत, बजरी इकट्ठी हो जाती है इसलिए नगर पंचायत की लेबर उसे निकाल ले तो किसी को आपत्ति नहीं होगी। गोयल ने कहा कि उन्होने नगर पंचायत को मौखिक तौर पर वहां से रेत बजरी निकालने हेतु हुआ है तथा किसी तरह के लिखित आदेश नहीं हैं।