एमबीएम न्यूज़/पावंटा साहिब
हिमाचल प्रदेश में पडोसी राज्य हरियाणा की सस्ती शराब अवैध रूप से बेची जा रही है। इससे न केवल प्रदेश के राजस्व को चूना लाग रहा है, बल्कि शराब माफिया की जड़े प्रदेश में गहरी होती जा रही है। नशे के इस अवैध कारोबार में ऊँची राजनीतिक पहुँच रखने वाला गिरोह संलिप्त है। जिसके चलते पुलिस भी माफिया के गिरेबान पर हाथ डालने से कतराती है। यदि समय रहते अवैध नशे के कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो सीमावर्ती इलाके पांवटा व् नाहन में शराब माफिया की जड़े मजबूत होती जाएगी और चारो राज्यों की सरकारों के नशे के खिलाफ छेड़े जा रहे अभियान की साँसे भी थम जाएगी।
हिमाचल सहित चार पडोसी राज्यों में अवैध नशे के कारोबार के खिलाफ छेड़ी जा रही जंग विधानसभा क्षेत्र पांवटा व नाहन में बेअसर होती नज़र आ रही है। नाहन के धौलाकुआं व पांवटा विधानसभ क्षेत्र में शराब माफिया गिरोह सक्रिय है। यहाँ पडोसी राज्य हरियाणा की सस्ती शराब अवैध रूप से बेचने का धंधा सरेआम चल रहा है। देसी से लेकर अंग्रेजी शराब का हर ब्रांड यहाँ बेचा जा रहा है। खासकर शादी व पार्टियों के लिए अवैध रूप से हरियाणा की शराब मंगवाई जाती है, ढाबों और रेस्टोरेंट में भी अवैध रूप से हरियाणा की शराब परोसी जा रही है।
एक सूचना के आधार पर मीडिया की टीम ने धौलाकुआं में एक शराब माफिया के अड्डे का दौरा किया। रेस्टोरेंट के नाम से चल रहे इस अड्डे पर ” For Sale In Hariyana Only ” की सील लगी हुई हर किस्म की शराब उपलब्ध थी। इतना ही नहीं रेस्टोरेंट के अंदर अवैध रूप से शराब परोसी भी जाती है और डिमांड के हिसाब से अवैध शराब बेची भी जाती है। शराब माफिया ने यह तक क़बूल कर लिया कि वो पुलिसवालों को भी पैसा देता है ताकि अवैध कारोबार चलता रहे। हालाँकि पुलिस अधिकारी दावा करते है की वे अवैध नशे के खिलाफ समय समय पर करवाई करते है।
जिस शराब माफिया के अड्डे पर पहुँच कर टीम ने स्टिंग किया वो शराब के अवैध कारोबार का पुराना खिलाडी माना जाता है, करीब तीन महीने पहले भी शराब के अवैध कारोबार के आरोप में पकड़ा गया था। अवैध नशे के कारोबार से जुड़े माफियाओं की सरकार में ऊँची पहुँच है इसलिए जल्दी में पुलिस अधिकारी भी इन माफियाओं पर हाथ डालने से कतराते है। हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती के सामने भी नशे के इस अवैध कारोबार का मामला रखा गया, उन्होंने भी इस मामले को गंभीर बताया। उन्होंने स्पष्ट किया की वर्त्तमान सरकार दो नंबर के काम करने वालों को आश्रय नहीं देगी। यदि कोई पार्टी का समर्थक भी अवैध कारोबार में संलिप्त है तो वे पार्टी छोड़ दें या अवैध नशे का कारोबार।
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