अमरप्रीत सिंह/सोलन
परवाणू से सोलन तक चल रहे फॉरलेन के कार्य के चलते बिजली विभाग को करोड़ो का नुकसान हो चूका है। जगह-जगह मिटटी गिरने के लिए बनाई गई डंपिग साइट्स की वजह से बिजली के खंबे व तारे दब गई हैं। बिजली विभाग बिजली की सुचारु आपूर्ति बनाए रखने के लिए कई बार नए खंबे लगाकर व तारों की मुरम्मत करवा चुका है। मगर प्रशासन व फोरलेन बनाने वाली कंपनी की अनदेखी की वजह से डंपिंग साइट्स पर कई हजार ट्रक मिटटी के डंप किये जा चुके हैं। जिस वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
मलबे में दबे बिजली के खंबे व तारे
ताजा मामला सोलन के सब्जी मंडी के सामने का है। जहां मिटटी की डंपिंग की वजह से 11 केवी हाइटेंशन केबल को भी पहुंचा नुकसान पहुंचा है। मिटटी की डंपिंग की वजह से बिजली के खंबे मिटटी में ही दब गए हैं। बिजली कि तारे भी धरती से छूने लगी है। जो किसी भी बड़े हादसे को न्योता दे रही है। विभाग द्वारा कई बार यहां पर मिटटी न फेंकने के लिए प्रशासन व फोरलेन कार्य करने वाली कंपनी को लिखा गया है, लेकिन इसके बावजूद रोजाना सैंकड़ों ट्रक मिटटी यह डंप की जा रही है।
बिजली विभाग के अतिरिक्त एसई सीएस चावला ने मौके का निरीक्षण किया। मौके पर चार टिप्परों को मिट्टी फेकते हुए पकड़ा। तुरंत कार्रवाई करते हुए चारों टिप्परों का चालान पुलिस द्वारा करवाया। लेकिन चालान इस परेशानी का हल नहीं है। चालान होने के बावजूद भी लगातार यहां पर मिटटी की डंपिंग की जा रही है। प्रशासन एवं विभाग की नाक तले यह सब कुछ हो रहा है। इस पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है। अब देखना यह होगा की जिला प्रशासन इस पर क्या उचित कदम उठाता है। कब यहाँ मिटटी की डंपिंग बंद होती है। यदि कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
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