एमबीएम न्यूज़ / शिमला
मई के महीने में भूकंप ने पांच मर्तबा देवभूमि की धरती को हिलाया। हालांकि काफी कम पैमाने के भूकंप आए, लेकिन चिंता तो बनती ही है। 25 मई को किन्नौर में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र बिंदु भी किन्नौर ही रहा, महज एक दिन पहले ही 3.6 की तीव्रता का भूकंप भी इसी जिला में आया था। भूकंप के लिहाज से किन्नौर संवेदनशील नजर आ रहा है, क्योंकि 21 मई को आए भूकंप की रिएक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.1 आंकी गई थी।
मात्र चार दिन के भीतर तीन मर्तबा किन्नौर की धरती हिली, इसमें एक खास बात नजर आई पहले,दूसरे व तीसरे में तीव्रता में गिरावट थी। 12 मई को चंबा में हल्के झटके महसूस हुए, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3 मापी गई थी। 22 मई को शिमला जिला में केंद्र बिंदु रहे भूकंप की तीव्रता 3.6 थी, यानी एक महीने के भीतर ट्राइबल इलाकों में चार बार झटके महसूस किए गए। जानकारों का कहना है कि 7:0 की तीव्रता की सूरत में नुकसान की संभावना रहती है।
यह बात मौसम विशेषज्ञ ही स्पष्ट कर सकते हैं कि आखिर बार-बार क्यों हिमाचल की धरती हिल रही है। खास बात यह है कि उत्तर भारत के अन्य पर्वतीय राज्यों में भूकंप नहीं आया, इस माह उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर में भूकंप रिकॉर्ड नहीं हुआ है। केवल 27 अप्रैल को उत्तर भारत के हरियाणा के सोनीपत में जरूर 3.5 की तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ था।