शिमला (एमबीएम न्यूज) : एक लंबे अरसे से बीजेपी के सीएम कैंडीडेट को लेकर भाजपा द्वारा कांग्रेस के तीखे हमलों का सामना किया जा रहा था। बावजूद इसके पार्टी खामोश थी। अचानक ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने धूमल को सीएम कैंडीडेट घोषित करने के लिए राजगढ़ की जनसभा को चुन लिया। राजनीतिक हलकों में सुगबुगाहट चल रही है।
दरअसल हो ये रहा था कि हिमाचल का विधानसभा चुनाव सीधे ही वीरभद्र सिंह बनाम नरेंद्र मोदी हो गया था। ऐसे में अगर भाजपा हारती तो सीधे मोदी की हार होती, जिसका असर पूरे देश में पड़ सकता था। देश भर में यह कहा जा सकता था कि एक छोटे से पहाड़ी राज्य के मुख्यमंत्री ने पावरफुल पीएम को मात दे दी। लिहाजा संभवत: इसी रणनीति के तहत भाजपा ने धूमल को अचानक ही सीएम कैंडीडेट बनाकर इस लड़ाई को वीरभद्र सिंह बनाम धूमल कर दिया है।
इसमें भी कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि पूर्व सीएम धूमल की लोगों में सबसे अधिक पैठ है, क्योंकि दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहने के बाद धूमल सूबे के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने 24 फरवरी व 20 अक्तूबर की खबरों में यह साफ तौर पर लिख दिया था कि धूमल ही सीएम कैंडीडेट हो सकते हैं। साथ ही उस फार्मूले का भी खुलासा किया था, जिसे भाजपा अपना सकती थी।
हालांकि भाजपा के सामने पहली बड़ी चुनौती सत्ता में वापसी की है। बहरहाल अगर राज्य में भाजपा जीती तो कहा जाएगा कि मोदी की लहर थी। अगर हारी तो ठीकरा पूर्व सीएम धूमल के सिर फोड़ दिया जाएगा।