मंडी (वी कुमार) : अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में वाटरप्रूफ पंडाल के दावों की पोल बारिश की बौछारों ने खोल कर रख दी है। इस बार मंडी जिला प्रशासन ने एक नीजि कंपनी को पूरे मैदान का ठेका दे दिया था और दावा किया गया था कि पूरे मेला स्थल को वाटरप्रूफ पंडाल के रूप में तबदील किया जाएगा।
महोत्सव शुरू होने से पहले ही निर्माणाधीन ढांचे का एक हिस्सा गिर गया था, जिससे पंडाल की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे। बाबजूद इसके दावा किया गया था कि इस बार वाटरप्रूफ पंडाल दिया जाएगा। लेकिन दो दिन बारिश की बौछारें क्या गिरी वाटरप्रूफ पंडाल के दावों की पोल खुल गई। जो वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं वहां जिन दुकानदारों ने दुकानें ले रखी हैं उन्हें टपकते पानी से बचने के लिए तरह.तरह के उपाय करने पड़ रहे हैं।
छतों से टपकते पानी से बचने के लिए दुकानदारों को अतिरिक्त तिरपाल लगाने पड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कारोबार की बात करें तो बारिश होने के कारण पूरा मेला स्थल कीचड़ में तबदील हो गया है। चारों तरफ पानी और कीचड़ ही नजर आ रहा है जिस कारण लोगों ने मेला स्थल से मुहं मोड़ लिया है। इस कारण यहां पर सामान बेचने आए व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
बता दें कि मंडी का शिवरात्रि मेला 3 मार्च को अधिकारिक तौर पर संपन्न हो गया है लेकिन व्यापारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन्हें अतिरिक्त समय दिया गया है। 16 मार्च तक मेला इसी प्रकार से सजा रहेगा लेकिन जिस प्रकार से मौसम ने करवट बदली है उससे यही लग रहा है कि इस बार लोग काफी कम संख्या में मेला स्थल पर पहुंचने वाले हैं। वहीं यहां पर आए हुए व्यापारी अपने घाटे का रोना रो रहे हैं और वाटरप्रूफ पंडाल की हकीकत बयां कर रहे हैं।