शिमला (एमबीएम न्यूज़) : राजधानी शिमला में अब तक की सबसे 21 किलोमीटर लंबी हाफ मैराथन होने जा रही है। रेस में देशभर से रनर भाग लेने शिमला पहुंचेंगे। खास बात यह है कि हाफ मैराथन रेसिंग के सभी मानकों के अनुरूप होगी, जिसमें सभी रनर को एक टाइमिंग चिप दी जाएगी, जो रनर के रेस का आखिरी स्टॉप पूरा करते ही खुद टाइम फीड करेगी, जिससे विजेता चुनने में आसानी होगी। इस रेस का आयोजन जिला प्रशासन और रैडक्रास सोसायटी के सौजन्य से होगा।
अतिरिक्त जिला उपायुक्त राकेश प्रजापति ने आज यहां एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि विश्व रैडक्रास डे के उपलक्ष्य में इस हॉफ मैराथन का आयोजन 7 और 8 मई को होगा तथा इसे शिमला दौड़ का नाम दिया गया है।
उन्होंने कहा कि दौड़ का मकसद लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति विशेषक युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति बारे सचेत करना है। इसके अलावा ऐसे आयोजन के माध्यम से मैराथन के क्षेत्र में शिमला को विश्व मानचित्र पर लाना है।
उन्होंने कहा कि शिमला दौड दो वर्गों में आयोजित होगी। एक वर्ग पेशवेर धावकों जबकि दूसरा सामान्य के लिए है, जिसे रन फॉर फन का नाम दिया गया है। पेशेवर धावकों को 21 किलोमीटर तक दौड़ना होगा और यह रूट रिज मैदान से संजौली होते हुए हिप्पा तक तथा वहां से वापिस रिज मैदान तक होगा। जबकि रन फॉन फन की दौड रिज मैदान से संजौली और वापिस रिज तक 10 किलोमीटर की होगी।
उन्होंने कहा कि पेशेवर धावकों के वर्ग की हॉफ मैराथन में पहली बार टाइमिंग चिप का प्रयोग हो रहा है। पेशेवर धावकों की श्रेणी वाली मैराथन में देश के 15 राज्यों के धावक हिस्सा लेंगे। इसके लिए पंजीकरण ऑनलाइन होगे। इसके अलावा रन फान शिमला के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के अतिरिक्त शिमला के मॉल रोड और छोटा शिमला में विभिन्न स्टाल खोले जाएंगे।
पेशेवेर श्रेणी की मैराथन में हिस्सा लेने वाले धावकों को 600 रूपये का पंजीकरण शुल्क देना होगा, जबकि रन फार फन की दौड़ में धावक बिना शुल्क दिए हिस्सा ले सकते हैं। 7 मई को रन फान फन में 16 से 45 साल के आयु वर्ग के पुरूष व महिला मैराथन में हिस्सा लेंगे। 8 मई को सभी आयुव वर्ग के पेशेवर धावकों की दौड होगी। उन्होंने कहा कि मैराथन में विजेता रहने वाले धावकों को बतौर ईनाम नकद धनराशि दी जाएगी।
प्रजापति ने इस आयोजन में 1000 से अधिक धावकों के जुटने की संभावना जताई है।