नाहन(एमबीएम न्यूज): डॉ. वाईएस परमार मेडीकल कॉलेज में 35 साल के बबलू के शव को अपनों का इंतजार है। 7 अक्तूबर को बबलू की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बावजूद शव को लेने कोई नहीं आया है।
पुलिस के मुताबिक बबलू को 18 सितंबर को पांवटा साहिब से रैफर किया गया था। तब से यहीं उपचाराधीन था। उस दौरान बबलू को पांवटा साहिब के मैहलियों गांव का निवासी व सुखराज सिंह का बेटा बताया गया था। लेकिन अब तफ्तीश में यह पता सही नहीं पाया गया है। शवगृह मेंं शव को कुछ दिनों तक रखा जाएगा। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए नगर परिषद के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
यह तो शायद कुदरत ही बता सकती है कि आखिर बबलू को इस तरह के तिरस्कार का सामना क्यों करना पड़ रहा है। हुलिए के मुताबिक बबलू का कद 5 फुट 8 इंच है। सांवले रंग के पतले-दुबले बबलू के परिजनों को तलाशने की पुलिस कोशिश कर रही है। देवभूमि में इस तरह के मामले काफी कम देखने को मिलते हैं। अलबत्ता लावारिस लाश शवगृह में मौजूद है। पते में युवक का नाम बबलू ही लिखवाया गया था।