नाहन (एमबीएम न्यूज): शहर का ऐतिहासिक चौगान मैदान अपने दामन में इतिहास समेटे हुए है। रियासतकाल के दौरान की अगर तस्वीरों का आकलन किया जाए तो अतीत में इसका वैभव समझते देर नहीं लगेगी। लेकिन विडंबना है कि अब इस मैदान की हालत बेहद दयनीय होती जा रही है। एक मर्तबा लाखों रुपए खर्च कर विदेशी घास उगाया गया। इसके बाद हालत इतनी खराब है कि मैदान में कंकर खेल प्रेमियों को खासा निराश करते हैं।
मैदान में बढ़ती व्यवसायिक गतिविधियों से भी इसे नुकसान पहुंचा है। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान बास्केटबॉल ग्राऊंड में ड्रिलिंग से गड्ढे बनाए गए, ताकि शामियाने बनाए जा सकें। फुटबॉल व हॉकी खेलों के लिए मैदान उपयुक्त है। हालांकि क्रिकेट के मैच भी संभव हैं। खेल संगठनों ने कुछ समय पहले मैदान में मेलों के आयोजन पर आपत्ति जताई थी। इसमें कोई दोराय नहीं है कि मैदान के इस्तेमाल करने को लेकर कुछ सख्ती है। लेकिन इसका रखरखाव समय-समय पर होना चाहिए।
इतिहासकार बताते हैं कि रियासत के वक्त इस मैदान में घुड़दौड़ भी संभव होती थी। अगर पूरे मैदान को हरे घास से लबरेज कर दिया जाए तो इसकी खूबसूरती को चार चांद लग जाएंगे। मैदान चारों तरफ से फ्लड लाइट्स से कवर किया जा चुका है। शाम के वक्त मैदान में बिखरी दुधिया रोशनी आकर्षक होती है, मगर गड्ढे व कंकर परेशानी भी खड़ी कर देते हैं।