श्री रेणुका जी (एमबीएम न्यूज): एकादशी के दिन भगवान परशुराम अपनी जन्मस्थली में मां रेणुका जी से मिलने पहुंच गए हैं। ऐसी धारणा है कि हर साल भगवान परशुराम अपनी मां को मिलने आते हैं। शनिवार को मां-बेटे के मिलन का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी का आगाज देव पालकियों के अभिनंदन के साथ हो गया है। हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने देव पालकियों को कंधा देकर इस मेले का विधिवत शुभारंभ किया। इसके बाद ददाहू से भव्य शोभायात्रा शुरू हुई, जो श्री रेणुका जी पहुंच कर समाप्त होती है।
ढोल नगाड़ों के साथ देव पालकियों को ददाहू बाजार से होते हुए श्री रेणुका जी तीर्थ तक पहुंचाया गया। मां-बेटे के इस मिलने का गवाह बनने के लिए शोभा यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा। इससे पूर्व परंपरा के अनुसार शाही परिवार के सदस्यों ने पालकियों की पूजा-अर्चना की। मेले के उद्नघाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का रेणुका जी पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार के अलावा जिला भर के कांग्रेसी नेता मौजूद रहे।
शाही परिवार के सदस्य व हिमफैड के अध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह ने बताया कि परंपराओं के मुताबिक गिरिनदी के किनारे भगवान परशुराम की जामूकोटी से देव पालकी पहुंचती है, जिसका अभिनंदन उनके परिवार द्वारा किया जाता है। इसके अलावा अन्य देव पालकियों का भी जोरदार अभिनंदन किया गया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री संगड़ाह के माईनाबाग हैलीपैड पर दिल्ली से सीधे पहुंचे। इसके बाद करीब डेढ़ बजे के आसपास मुख्यमंत्री देव पालकियों के अभिनंदन के लिए ददाहू पहुंच गए थे।