मंडी : रिवालसर में बीती 18 सितंबर से समाधि में लीन हुए लामा वांगडोर रिम्पोछे का अंतिम संस्कार 49 दिनों के बाद किया जाएगा। तब तक पार्थिव शरीर को पूरी तरह से संभाल कर रखा जाएगा। अभी 7 दिन बीत जाने के बाद भी पार्थिव देह को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा है। जिगर बौद्ध मंदिर के सचिव थुपतिन हारा ने बताया कि अभी लामा रिम्पोछे समाधि में लीन हैं।
यह समाधि आने वाले कितने दिनों तक चलेगी, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। यहां पर जो लामा गुरू आए हैं, वह रोजाना देह का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बौद्ध धर्म के अनुसार लामा रिम्पोछे का समाधि में लीन होने बाद 49वें दिन दाह संस्कार किया जाता है। उससे पहले यदि देह को नुकसान पहुंचना शुरू हो गया तो फिर बौद्ध धर्म के अनुसार ही उसे सहेजने का प्रयास किया जाएगा। तब तक मंदिर में पूजा पाठ का सिलसिला जारी रहेगा। उनके अंतिम दर्शन सभी को करवाए जाएंगे।
उधर, सचिव जिगर बौद्ध मंदिर थुपतिन हारा के अनुसार यह कोई पहली बार नहीं हो रहा। यहीं के दो लामा पहले भी समाधि ले चुके हैं। उस दौरान भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी। लामा रिम्पोछे समाधि में जाते हैं तो उस वक्त उन्हें न तो मृत माना जाता है और न ही जीवित। यह घोर समाधि की अवस्था होती है। समाधि के दौरान जब तक लामा रिम्पोछे की आत्मा शरीर के पांचों तत्वों को खुद में समाहित नहीं कर देती तब तक शरीर को कुछ नहीं होता। जिस दिन पांचों तत्व शरीर में समाहित हो जाएंगे उसके बाद देह को नुकसान पहुंचना शुरू हा जाएगा।
बौद्ध धर्म में इस प्रक्रिया को थुक्दम कहा जाता है। थुक्दम यानी समाधि की यह प्रक्रिया कब तक चलेगी इस बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता। माना जाता है कि इस अवस्था में मृत शरीर पूरी तरह से गर्म रहता है। हालांकि इसे गुरू लामाओं के अलावा और किसी को भी छूने की अनुमति नहीं होती है। वहीं लामा वांगडोर रिम्पोछे के अंतिम दर्शनों के लिए उनके अनुयायियों का यहां पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है। लामा रिम्पोछे के अधिक अनुयायी विदेशों में हैं। वह यहां पहुंचकर लामा के अंतिम दर्शन करके आशीवार्द ले रहे हैं।
स्पेन से आई उनकी अनुयायी आदरयीना और हेज़ल ने बताया कि वह लामा के अंतिम दर्शन और आशीवार्द लेने यहां आए हैं। क्योंकि ऐसा मौका जिंदगी में कभी कभार ही मिलता है। रिवालसर में थुक्दम की यह प्रक्रिया अभी नवंबर महीने के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी। तब तक यहां पूजा पाठ के साथ अनुयायियों के आने का सिलसिला इसी प्रकार से जारी रहेगा। लेकिन समाधि से लामा कब मुक्त होंगे इसका पता उचित समय आने पर ही चलेगा।