घुमारवीं : उपमंडल की ग्राम पंचायत डंगार, पडंयालग, दधोल तीन पंचायतों की सीमा पर पड़ने वाले जंगल चोखणा छंदोह में एक चट्टान पर सैकड़ों वर्ष पुराना शिवलिंग अंकित है। लोगों का मानना है कि यह शिवलिंग तकरीबन 500 साल पुराना है। यहां पर राजाओं के पुराने किले हुआ करते थे। यही कारण है की इस चट्टान पर लोगों ने वर्षों पहले पूजा के प्रयोजन से शिवलिंग बनाया होगा। कहा जाता है कि यहां पर पुराने समय में बस्ती हुआ करती थी, जिसके कुछ निशान आज भी यहां देखें जा सकते हैं। यह मानना है कि इस चट्टान पर एक बड़ी ओखली भी है। जहां वे लोग अपने रोजमर्रा की खाने-पीने की चीजें कूटा करते थे। लेकिन समय के साथ यह आज के समय की धरोहर बन गई है।
मदन पटियाल, राजकुमार रेशव पटियाल, रोशन लाल, इंद्र, सुनिल कुमार, विशन दास, पूर्व प्रधान मेहर सिंह, पूर्व उप प्रधान होशियार सिंह आदि ने बताया कि यहां के लोग शिवरात्रि व अन्य पर्व पर आकर शिवलिंग की पूजा करते हैं। भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय राज्य वित मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पर्यटन मंत्री गोविद सिंह व बिलासपुर के विधायक राजेन्द्र गर्ग पूर्व विधायक राजेश धर्माणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से मांग की है कि इस चोखणा छदोंह छंजयार धार को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए ताकि यह क्षेत्र पर्यटन स्थल बन सके। क्षेत्र पुराने समय में बिलासपुर के राजाओं का मुख्य स्थान रहा है। यहां चट्टान पर बनी शिवलिंग के लिए मंदिर का निर्माण किया जाए। अगर यह क्षेत्र पर्यटन के लिए विकसित किया जाए तो यहां रोजगार के साधन पैदा होंगे। सारी चोखणा वैली को विकास के पंख भी लगेंगे।