ज्वालामुखी (मोनिका शर्मा) : ज्वालामुखी में श्री महागुरू सेवा समिति हैदराबाद के तत्वाधान में लोक कल्याण एवं विश्व शांति के लिए श्रीमद अखंड महामूला प्रकृति सहस्त्र चंडी विशाल महायज्ञ महोत्सव का शुभारंभ हुआ। श्री महागुरू सेवा समिति की स्थापना हैदराबाद से करीब सौ किलोमीटर दूर चितकूल में मंजरी नदी , जिसे गरूढ़ गंगा भी कहा जाता है, के तट पर तपस्वी गुरू ए वेंकटारमणयम के प्रयासों से करीब 47 साल पहले हुई थी।
यहां विशाल मंदिर में आदमकद अष्टभुजा देवी की प्रतिमा स्थापित है। भले ही वह आज ब्रह्म्लीन हो गये हों। लेकिन उनके प्रयासों से सिचिंत इस संस्थान की लौ को उनके शिष्य लोक कल्याण के लिये देश दुनिया में बिखेर रहे हैं। ज्वालामुखी में तेंलंगाना हैदराबाद से करीब 350 उनके शिष्य ज्वालामुखी में हवन यज्ञ कर रहे हैं। आज गणपति पूजा एंव सवस्तीवाचन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जिससे नगर का वातावरण पूरी तरह भक्तिरस में डूब गया है।
तांत्रोक्त विधि से विद्धानों की ओर से किये जा रहे महायज्ञ का मनोरम दृशय देखते ही बनता है। शलोकोचारण के साथ पजा की जा रही है। यहां कार्यक्रम के संचालक राम कृष्ण शर्मा ने बताया कि चार दिनों तक यहां हवन यज्ञ पूजा होगी। उन्होंने बताया कि उनके संस्थान की ओर से हर महीने चंडी यज्ञ पूरे भारतवर्ष में अलग अलग स्थानों पर होता है व साल में एक बार शत चंडी महायज्ञ होता है।
इसी सिलसिले में इस बार ज्वालामुखी का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि यहां रोजना जप प्रयाण, चंडीहवन, एकादश रूद्राभिषेक प्रसाद विन्योग होगा। वहीं करीब 100 महिलायें ललिता सहस्त्रणाम पाठ करेंगी। 28 जून को सुहासिनी पूजा होगी, जिसमें पांच महिलाओं को पूजा जाता है व 30 जून को कुमारी पूजा के साथ इस समारोह का समापन होगा। हैदराबाद से आये सुधाकर शर्मा ने बताया कि यह सब गुरू जी के प्रति समर्पण भाव में ही सब हो रहा है।