नाहन (एमबीएम न्यूज़) : ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में पंचायतों द्वारा अहम भूमिका निभाई जाती है और किसी भी राज्य के विकास का मूल्याकंन पंचायतों के विकास को आधार मानकर किया जाता है ।उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया ने जिला परिषद भवन नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के दूसरे बैच के बुनियादि प्रशिक्षण का शुभारंभ करने के दौरान कहा कि लोकतंत्र में चुने हुए प्रतिनिधि आम जनता के प्रति उतरदायी एवं जवाबदेह होते है और पंचायत प्रतिनिधियों का दायित्व बन जाता है कि वह दलगत राजनीति से उपर उठकर पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों में अपना रचनात्मक योगदान दे ताकि ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों को प्रशासनिक, वितीय और न्यायिक शक्तियां प्रदान करके सशक्त बनाया है ताकि लोगों के छुटपुट कार्यो का निपटारा घरद्वार पर हो सके। उन्होने कहा कि प्रशिक्षण का उददेश्य पंचायत प्रतिनिधियों को अपने दायित्व और अधिकारों के बारे जानकारी देना है ताकि पंचायत प्रतिनिधियों को अपने दायित्व का निर्वहन करने के दौरान कोई परेशानी पेश न आए।
उन्होने बताया कि 14वें वितायोग द्वारा पंचायतों को सीधे पर विकास के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि विकास के कार्य में गुणवता का विशेष ध्यान रखा जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी धन का किसी भी स्तर पर दुरूपयोग न हो । उन्होने कहा कि आईआरडीपी के चयन में पात्र व्यक्ति को ही लिया जाए ताकि सरकार द्वारा निर्धन एवं जरूरतमंद लोगों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं का पात्र व्यक्ति लाभ उठा सके ।
इससे पहले जिला पंचायत अधिकारी, सुभाष अत्री ने अपने स्वागत भाषण में जानकारी दी कि जिला की 228 पंचायत के 1504 प्रतिनिधियों को चरणबद्ध तरीके से चार -चार दिन का बेसिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायतीराज प्रणाली के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने अपने विभाग से संबधित जानकारी दी जा रही है। उन्होने बताया कि प्रशिक्षण की कड़ी के दूसरे बैच में पांवटा विकास खण्ड की दस पंचायतों के एक सौ से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे है।