कुल्लू (एमबीएम न्यूज): विशिष्ट कथाकार रविंद्र कालिया के निधन से संपूर्ण भारत में शोक की लहर सी छा गई है। उनके जाने से साहित्य के क्षेत्र में भारी क्षति हुई है। उनके निधन पर कुल्लू के साहित्यकारों एवं साहित्यिक संस्थाओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
1 अप्रैल 1939 को पंजाब में पैदा हुए रविंद्र कालिया ने बीए, आर्नस व एमए हिन्दी साहित्य करने के बाद माया व धर्मयुग पत्रिका के संपादकीय विभाग से जुड़े हुए थे। वर्तमान में भारतीय ज्ञानपठ के निदेशक एवं नया ज्ञानोदय पत्रिका के संपादक थे। उनकी चर्चित काव्य कृतियां ‘‘खुदा सही सलामत है, एबीसीडी, 17 रानडे रोड़, नो साल छोटी पत्नी, गालिब छुटी शराब व नींद क्यों रात भर नहीं आती’’ प्रमुख है। उन्हें उतर प्रदेश हिन्दी संस्थान का प्रेमचंद स्मृति सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान व लोहिया सम्मान, मध्य प्रदेश का पदुमलाल पन्नालाल बख्शि सम्मान, पंजाब का सर्वोच्च शिरोमणि साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
उनके निधन पर सुरभि न्यूज परिवार, अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, हिम साहित्यकार सहकार समिति, हिमाचल प्रदेश पत्रकार महासंघ कुल्लू ईकाई व कुल्लू की सभी साहित्यिक संस्थाओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। साथ ही शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। यह जानकारी सुरभि न्यूज एवं फीचर एजेंसी कुल्लू के प्रताप अरनोट ने दी।