नाहन – उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया ने पुलिस विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एंव जनजाति वर्ग के अत्याचार से जुड़े मामलों की जांच समयबद्ध की जाए ताकि पीड़ित व्यक्ति को समय पर न्याय मिल सके । इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति एंव जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत दर्ज मामलों की भी अविलम्ब जांच करके कार्यवाही की जाए ताकि पीड़ित व्यक्ति को समय पर राहत राशि उपलब्ध हो सके।
उपायुक्त अनुसूचित जाति एंव जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एंव प्रबोधन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने जिला न्यायवादी सिरमौर को भी निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति एंव जनजाति अत्याचार से संबधित न्यायालय में लंबित पड़े मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए प्रयास किए जाए।
बडालिया ने जानकारी दी कि वर्ष 2012 से लेकर मार्च 2015 तक इस अधिनियम के तहत 52 मामले दर्ज हुए , जिनमें से 14 मामले न्यायालय में लम्बित पड़े है जबकि 13 मामले सबूत के अभाव में खारिज हुए और 13 मामलों में आरोपी न्यायालयों से बरी हुए। इसके अतिरिक्त तीन मामलों में सबूत के अभाव में पुलिस द्वारा एससी एवं एसटी धारा हटाई गई और 9 मामले पुलिस के पास जांच के लिए लंबित पड़े है।
उन्होने बताया कि वर्ष 2012 से लेकर मार्च 2015 तक 24 पीड़ित व्यक्तियों को 10 लाख की राशि राहत के रूप में उपलब्ध करवाई गई। उन्होने बताया कि वर्ष 2015 में चार नए मामलें आए है जिनमें एक पीड़ित व्यक्ति को दो लाख 81 हजार की राशि राहत के रूप में प्रदान की गई है जबकि तीन मामलों में कोर्ट मे मुकदमा दायर होने के बाद प्रदान कर दी जाएगी।
जिला कल्याण अधिकारी सुरेश शर्मा ने समिति के सभी सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों का स्वागत करते हुए अनुसूचित जाति एंव जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम से संबधित दर्ज मामलो की वर्तमान स्थिति के बारे उपायुक्त को अवगत करवाया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला न्यायवादी सहित समिति के गैर सरकारी सदस्यो ने भाग लिया।