सोलन (एमबीएम न्यूज) : जम्मू एवं कश्मीर में गत दिनों उरी क्षेत्र में भारतीय सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के विरोध में भाजपा के बाद अब सोलन कांग्रेस भी सड़क पर उतर गई है। सोलन में मंगलवार सांय कांग्रेस की तरफ से निकाली गई विरोध रैली से संगठन के मलाईदार पदों पर काबिज नेताओं ने दूरी बनाए रखी। लिहाजा रैली का नेतृत्व सरकार के निगमों तथा बोर्डों में काबिज नेताओं को करना पड़ा।
सोलन में आतंकवाद के खिलाफ कांग्रेस द्वारा निकाली गई विरोध रैली में एक बार फिर सरकार तथा संगठन के बीच चल रही तकरार जगजाहिर हुई है। रैली में ब्लॉक कांग्रेस सोलन व शहरी कांग्रेस के अहम पदों पर काबिज नेतागण नदारद रहे। लिहाजा सरकार के विभिन्न बोर्डों तथा निगमों में तैनात कांग्रेस नेताओं को आतंक विरोधी रैली का नेतृत्व करना पड़ा। सोलन के पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस से कांग्रेस ने विरोध रैली आरंभ की। रैली का नेतृत्व हिमाचल प्रदेश खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चौहान व मार्केट कमेटी सोलन के अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने किया।
ब्लॉक कांग्रेस सोलन अध्यक्ष व शहरी अध्यक्ष सहित कई नेतागणों ने आतंक विरोधी रैली से दूरी बनाए रखी। इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने जम्मू एवं कश्मीर के उरी क्षेत्र में आतंकी हमले में शहीद हुए 18 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए मालरोड़ पर कैंडल मार्च निकाला। हाथों में शहिदों की फोटो लिए व पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। कांग्रेसी नेताओं ने अब कहां गया 56 इंच का सीना जैसे बैनर हाथों में लिए मालरोड़ पर कैंडल मार्च किया। चिल्ड्रन पार्क में पहुंचते ही कैंडल मार्च नुक्कड़ जनसभा में तब्दील हो गया। यहां सबसे पहले कांग्रेस के लोगों ने शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेसी नेताओं ने उरी आतंकी हमले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘पूरी गड़बड़ी के लिए अकेले जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि इस गड़बड़ी के लिए क्या वह रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चौहान ने कहा कि भारत की सीमाएं और राष्ट्रीय सुरक्षा पिछले दो सालों से दिक्कतों में हैं। रक्षा मंत्री को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने सीमा पार से भारतीय सैन्य शिविरों पर हो रहे आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार के नरम रूख की आलोचना की।