ऊना (एमबीएम न्यूज़) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का कुटलैहड़ दौरा कांग्रेस की गुटबाजी के साथ शुरू हुआ। मुख्यमंत्री के सामने कांग्रेस नेता देसराज गौतम व ब्लॉक अध्यक्ष रविंद्र फौजी के समर्थकों में शक्ति प्रदर्शन का दौर चलता रहा। इससे मुख्यमंत्री भी सहज नहीं दिखे और मुख्यमंत्री को भी दोनों नेताओं पर तीखी टिप्पणी करनी पड़ी, जिसके बाद माहौल कुछ संभला।
मुख्यमंत्री के छपरोह जनसभा स्थल पर पहुंचने से पहले भी बैनर लगाने को लेकर देसराज गौतम व रविंद्र फौजी में तीखी नोंकझोंक हुई। सभा स्थल पर जैसे ही देसराज गौतम अपना बैनर लगाने लगे, तो ब्लॉक अध्यक्ष रविंद्र फौजी ने इस पर कड़ी आपत्ति जातते हुए गौतम को बैनर उतारने को कहा। जिस पर दोनों में बहस हो गई। रविंद्र फौजी ने कहा कि गौतम को ब्लॉक कांग्रेस ने निष्कासित किया हुआ है और जनसभा स्थल पर जब किसी का बैनर नहीं है, तो ऐसे में गौतम को भी बैनर लगाने से परहेज करना चाहिए।
देसराज गौतम ने कहा कि वे कांग्रेस के वफादार सिपाही है। उन्हें किसी से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष को भी मर्यादा में रखकर व्यवहार करना चाहिए। सभी का लक्ष्य का कुटलैहड़ में कांग्रेस व वीरभद्र सिंह को मजबूत करना है। दोनों नेताओं में आपसी विवाद है, जिसके चलते एक-दूसरे पर टिप्पणियां करना आम बात है। मुख्यमंत्री के पहले दिन के ही कार्यक्रम में कुटलैहड़ कांग्रेस की एकता की जहां पोल खुली, वहीं एक दर्जन के करीब टिकट के चाहवान नेता मुख्यमंत्री को अपने-अपने ढंग से रिझाने का प्रयास करते दिखे गए।
अब यह समय ही बताएगा कि कांग्रेस के नेताओं की यह लड़ाई कुटलैहड़ में कांग्रेस मजबूत करेगी या कांग्रेस की लूटिया डूबोएगी