शिमला (एमबीएम न्यूज़): राजधानी शिमला में पीलिया से मौतों का मुद्दा फिर गरमा गया है। विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार पर पर पीलिया से निपटने में असफल रहने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने आज एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि गत डेढ़-दो महीनो में 15 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन मुख्यमंत्री एवं सरकार पीलिया से हुई मृत्यु पर संख्या बताने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि बीते 50 घंटों के अंदर 3 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें 2 ऐडवोकेट एवं प्रसुता महिला, जिसका 4-5 दिन का दुधमुहां बच्चा है, की भी मृत्यु पीलिया से हुई है।
धूमल और सत्ती ने कहा कि आये दिन पीलिया के रोग से लोग बेमौत मर रहे हैं। जब मीडिया में पीलिया रोग से मृत्यु की खबर आती है तो मुख्यमंत्री मीडिया पर ही अपनी खुन्नस निकालते रहते हैं और कहते हैं कि एक छोटी सी घटना को महामारी का रूप बताता है मीडिया।
भाजपा नेताओं ने कहा कि शिमला के सरकारी अस्पतालों से पीलिया के रैफ्रड रोगियों के लिए पीजीआई और अन्य स्वास्थ्य संस्थानो में उनकी देखभाल करने वाला कोई भी नहीं है और रोज कहीं न कहीं से पीलिया से मृत्यु की खबरें आ रही है।
पार्टी नेताओं ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह पीलिया की घटना को बड़े हलके में ले रही हैं। अच्छा होता सरकार हर दिन पीलिया के बारे में कोई स्पेशल बुलेटिन जारी करती, लेकिन सरकार की ओर से किसी भी अधिकारी को पीलिया के बारे में बोलने से मना किया है। इससे स्पष्ट है कि सरकार न ही पीलिया की रोकथाम के लिए गंभीर है और न ही पीलिया के उपचार के लिए कोई आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह पीलिया की रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करें। यदि हिमाचल सरकार पीलिया को रोकने में असफल साबित होती है तो वह केन्द्र की सहायता एवं सहयोग के लिए अपील करे और केन्द्र प्रदेश सरकार की हर मदद करने को तैयार है।
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