शिमला: ग्लोबल इन्वेस्टर मीट पर देश-विदेश के निवेशकों को बुलाने की कवायद में जुटी जयराम सरकार की घेराबंदी करने के लिए कांग्रेस हिमाचल बचाओ अभियान शुरू करेगी। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित कांग्रेस के आठ विधायकों ने शनिवार को शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के हवाले से सरकार की मंशा हिमाचल को बेचने की है और सरकार हिमाचल की भूमि को अंतराष्ट्रीय स्तर पर निलाम करना चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार में शीर्ष पदों पर विराजमान गैर हिमाचली अफसर भू-माफिया को संरक्षण देने की योजना बना रहे हैं, जिन्हें हिमाचल से कोई लेना-देना नहीं हैं हिमाचल के बगीचों, पर्वत श्रंखलाओं और यहां की जमीन को बेचने की कवायद की जा रही है, लेकिन विपक्ष की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस हिमाचलियत को लुटने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल ने हिमाचल निर्माता डॉ. परमार की जयंति पर हिमाचल को बचाने का अभियान शुरू करने का फैसला लिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार धारा 118 को रिलेक्स करने व इसमें एनओसी के प्रावधान को समाप्त करने की बात कर रही है। उससे लग रहा है कि पूंजीपतियों व भू-माफियों को हिमाचल में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
अग्निहोत्री ने आरोप जड़ा कि निवेश को लेकर एमओयू साईन करते समय सरकार कंपनी की आर्थिक स्थति भी नहीं देख रही है। यहां तक कि एमओयी में कंपनी का पता तक नहीं लिखा है। सरकार की एमओयू में रोजगार देने वाली बात भी छलावा है। सरकार ने लैंड बैंक तक तैयार नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजमार्गों का 65 हजार करोड़ का एलान पूरी तरह खटाई में पड़ गया है जबकि यह विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा का मुख्य वायदा था।
मुकेश अग्रिहोत्री ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार वित्तीय मोर्चे पर फेल हो गई है तथा कर्ज की बैसाखियों पर चल रही है। सरकार के केंद्र से सहायता लाने तथा डबल इंजन के दावे हवा हो गए हैं। अभी तक प्रदेश सरकार को केंद्र से सहायता नहीं मिली है। 9500 करोड़ रूपए के बाह्य वित्त पोषित प्रोजैक्टों में से एक भी स्वीकृत नहीं हुआ। पहले से एडीबी के चल रहे प्रोजैक्टों के काम भी ठप्प पड़े हैं।