मंडी
लोक सभा चुनावों के दौरान भाजपा के होकर भी कांग्रेस उम्मीदवार के लिए काम करने की सजा मंडी नगर परिषद के दो मनोनीत पार्षदों को पद गंवा कर मिली है। ये दोनों पार्षद राजेंद्र पुरी व हितेश मल्होत्रा हैं, जो अनिल शर्मा की सिफारिश पर नगर परिषद मंडी में मनोनीत कुल चार पार्षदों के साथ मनोनीत किए गए थे।
गौरतलब है कि इन दिनों अनिल शर्मा भाजपा के विधायक होकर भी निष्क्रिय व चुपचाप घर में बैठे हुए हैं, क्योंकि बेटे आश्रय शर्मा को लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट दिलवाकर चुनाव लड़ाने के कारण ही उन्हें इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। अनिल शर्मा किसी भी कार्यक्रम में शरीक नहीं हो रहे हैं। उनके गृह गांव कोटली में हुए जनमंच में जरूर पहुंचे थे, मगर वहां पर भी फजीहत होने से बीच में ही घर लौट आए। उन्हें मंत्री मंडल से तो मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हटा दिया था मगर पार्टी से अभी उन्हें निकाला नहीं गया है। वह तकनीकी तौर पर अभी भी भाजपा में ही है। इस समय उनकी स्थिति न घर न घाट वाली होकर रह गई है।
अब सरकार ने उनके समर्थकों को भी किनारे लगाने की कवायद शुरू कर दी है। राजेंद्र पुरी व हितेश मल्होत्रा उनके खासमखास हैं, जिनकी नामजदगी उनकी ही सिफारिश पर हुई थी। मंडी नगर परिषद में दो अन्य नामजद पार्षद मोती लाल मेहरा व हेमलता शर्मा भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं, उनकी कुर्सी बरकरार है।
राजेंद्र पुरी व हितेश मल्होत्रा को हटाने का पत्र प्रधान सचिव शहरी निकाय प्रबोध सक्सेना ने 22 जुलाई की तारीख में जारी किया, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। नगर परिषद के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि दो पद खाली हो गए हैं।