मंडी (वी.कुमार) : आज हम आपको एक ऐसे हिमाचली गबरू से मिलवाने जा रहे हैं जिसने पहाड़ी गानों में मॉडलिंग से अपनी शुरूआत की और आज मिस्टर इंटरनेशनल के लिए यह अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं रोहडू निवासी रवीश ठाकुर की। हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर रोहडू के रहने वाले रवीश ठाकुर वर्ष 2015 में मिस्टर इंडिया रह चुके हैं और अब उन्होंने मिस्टर इंटरनेशनल के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। मंडी पहुंचने पर रवीश ठाकुर ने अपने दिल की बात रखी।
रवीश ठाकुर ने बताया कि वह जल्द ही इंटरनेशनल मेन हंटस में भाग लेने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी लाइफ टाइम डेस्टीनेशन एक्टिंग रही है और वह इस क्षेत्र में कदम भी रख चुके हैं। लाईफ ओके के एक टीवी सिरियल में वह काम कर चुके हैं और इसे साथ ही रवीश ने स्टार प्लस पर चल रहे धार्मिक धारावाहिक सिया के राम में भी काम किया है। अभी उन्हें एक बड़े प्रोडक्शन हाउस की फिल्म में काम करने का आफर मिला है और इसके जरिये वह बड़े पर्दे पर अपना जौहर दिखायेंगे। रवीश ठाकुर की मानें तो उन्हें बड़े पर्दे पर पहला नेगेटिव रोल मिल रहा है और यह लीड रोल होगा। रवीश ने बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरूआत पहाड़ी गानों में बतौर मॉडल की थी और आज भी जब वह किसी को यह बात बताते हैं तो अधिकतर लोग इस बात पर यकीन नहीं करते। रवीश ने अपने परिजनों के कहने पर बीटेक की लेकिन माता पिता के इंजीनियर बनने के सपने को वह पूरा नहीं कर सके। क्योंकि उनका अपना सपना एक्टिंग करने का था। पहाड़ी गानों में मॉडलिंग करने के बाद मिस्टर हिमाचल में पार्टिसिपेट किया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसके बाद मिस्टर इंडिया के लिए अपनी दावेदारी पेश की और इस खिताब को भी अपने नाम कर लिया।
रवीश ठाकुर का कहना है कि मिस्टर हिमाचल और इंडिया बनने के बाद परिजनों को अहसास हुआ कि उनका बेटा जिस राह पर चल रहा था उसमें उसे कामयाबी मिल रही है। रविश ठाकुर आज की तारीख में युवाओं के लिए यूथ आईकॉन बने हुए हैं। रवीश का मानना है कि हिमाचल प्रदेश के युवाओं में टैलेंट की कोई कमी नहीं है लेकिन सेल्फ कॉफिडेंस बहुत कम है। इन्होंने युवाओं से अपने अंदर छुपी प्रतिभा को हर मंच पर उजागर करने का संदेश दिया है। साथ ही अभिभावकों से भी अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने में उनका साथ देने का आहवान किया है। रवीश का अपने टारगेट लेकर चलना और उन्हें अचीव करना ही कामयाबी का मूलमंत्र है।