नाहन, 23 जून : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय नाहन सेवा केंद्र में मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी का 59वां स्मृति दिवस ‘आध्यात्मिक ज्ञान दिवस’ के रूप में मनाया गया।
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सेवा केंद्र प्रभारी बीके रमा दीदी जी ने मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती का जीवन परिचय देते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा जी का जन्म 1919 में अमृतसर में एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम ‘ओम राधे’ था। जब मातेश्वरी जी ओ३म् की ध्वनि का उच्चारण करती थी, तो पूरे वातावरण में गहन शांति छा जाती थी। इसलिए वह ‘ओम राधे ‘ के नाम से लोकप्रिय हुए। मातेश्वरी जी ने 24 जून 1965 को अपने नश्वर देह त्याग करके पूर्णता को प्राप्त किया था। इस दिवस को ब्रह्माकुमारी संस्थान के देश-विदेश के भाई-बहनें “आध्यात्मिक ज्ञान दिवस” के रूप में मना रहे हैं।
मातेश्वरी जी ने अपने त्याग तपस्या और सेवा से समस्त मानव समुदाय को जीवन मुक्ति की राह दिखाई और नारियों को अध्यात्म के पथ पर चलते हुए समाज की सेवा करने के लिए प्रेरणा प्रदान की। वह आधुनिक युग की चैतन्य देवी थी। उन्हें ईश्वरीय ज्ञान, गुण और शक्तियों को धारण करके लोगों को अनुभव करने का दिव्य वरदान प्राप्त था। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए ब्रह्माकुमारी संस्था विश्व सेवा का जो महान कार्य कर रही है। यह मातेश्वरी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
इस अवसर पर ब्रह्मा कुमारी प्रियंका बहन ने जगदंबा सरस्वती जी के जीवन से प्रेरित एक बहुत सुंदर गीत ‘पर्वत से ऊंचा सागर से गहरा….. प्रस्तुत किया, ब्रह्माकुमारी दीपा बहन व शिवानी बहन ने जगदंबा सरस्वती की विशेषता सुनाई।इस अवसर पर राजीव गुप्ता,रश्मि गुप्ता, अंजना शर्मा, मीना बब्बर, कुसुम कौशल, अनिल कुमार, निकेता, अनीता टोंक, अनीता वर्मा, राखी चौहान, गंगवीर, पूरन चंद्र जोशी, बलबीर सिंह, ध्यान सिंह, शिवानी चौहान सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
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