हमीरपुर : हमीरपुर के आस्था अस्पताल में उपचार के दौरान एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका अमिता की कथित मौत के मामले में पुलिस की हैंडलिंग व दुर्व्यवहार को लेकर उपायुक्त हरिकेश मीणा ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। एडीसी हमीरपुर रतन गौतम तीन दिन में जांच पूरी कर उपायुक्त को सौंपेंगे। जांच में हमीरपुर सदर के एसएचओ द्वारा नाल्टी के पास शव को हमीरपुर ला रही जनता पर किन परिस्थितियों में पिस्टल ताना गया व आस्था अस्पताल से टाँडा रैफर मरीज़ के साथ पुलिस ने क्यों एस्कोर्ट किया? इन गंभीर मुद्दों पर आरोपियों व गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
बुधवार को ब्राहलड़ी गांव से क़रीब 40-50 लोगों का प्रतिनिधिमंडल डीसी हमीरपुर को ज्ञापन सौंपने आया था। ज्ञापन में बताया गया कि आस्था अस्पताल में डॉक्टर्स की लापरवाही से 9 अक्तूबर को अमिता पत्नी अरुण शर्मा की मौत के बाद जब वे 11 अक्तूबर को शव के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पक्का भरो हमीरपुर आ रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। नाल्टी के पास जब वे पैदल शव के साथ चलने लगे तो पुलिस ने शव की चारपाई को बलपूर्वक खींचकर तोड़ दिया।
उसी वक़्त एक पुलिस अधिकारी द्वारा निहत्थे लोगों पर रिवाल्वर तानकर पब्लिक को डराने की कोशिश की गई। उन्होंने अंदेशा जताया कि पुलिस किसी प्रभावढली व्यक्ति के दबाव में काम कर रही है। आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। लोगों ने सारे घटनाक्रम की सीबीआई या मजिस्ट्रेट जांच की मांग की है। इस बारे में उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि पुलिस के दुर्व्यवहार और रैफर मरीज़ को एस्कोर्ट करने पर जांच होगी। उन्होंने यह भी कहा कि किन परिस्थितियों में रिवाल्वर तानी गई इस बात की भी जांच होगी।
हरिकेश मीणा ने सारे घटनाक्रम की एडीसी रतन गौतम से तीन दिन के अंदर मजिस्ट्रेट जांच करवाने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की टेक्निकल कमेटी, एफ़आईआर तथा पोस्टमोर्टम रिपोर्ट को इस जांच से बाहर रखा गया है। पुलिस की हैंडलिंग व दुर्व्यवहार को लेकर मजिस्ट्रेट जांच तीन दिन में पूरी की जाएगी।