शिमला (एमबीएम न्यूज़): वन एवं मत्स्य मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने वन विभाग में क्रियान्वित की रही विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत अनेक दैनिक भोगी व अनुबन्ध पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक नई नीति बनाई है। इन परियोजनाओं में बाह्य सहायता की मध्य हिमालय जलागम विकास परियोजना, स्वां नदी परियोजना, कण्डी परियोजना तथा इण्डो-जर्मन चंगर परियोजना शामिल हैं।
वन मन्त्री ने कहा कि राज्य वन विभाग में 1990 से 2017 के बीच इन परियोजनाओं में अनेक अधिकारी व कर्मचारी दैनिक भोगी व अनुबन्ध पर नियुक्त किए गए थे। इन्होंने लगभग 25 वर्षों तक कर्तव्य निष्ठा से प्रदेश के दुर्गम व दूर-दराज व जनजातीय क्षेत्रों में वनों की समृद्धि व सुरक्षा के लिए अपनी सेवाएं दी हैं। वन विभाग की नीतियों व कार्यों को इन लोगों ने घर-घर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। उनकी कार्य कुशलता व भविष्य को मध्यनज़र रखते हुए राज्य सरकार ने इनके लिए नई नीति की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि नीति के अंतर्गत इन सभी कर्मचारियों को निरन्तर कार्य प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन समीति (HPNRMS) अन्तर्गत पंजीकृत करके उचित वेतन पर नियुक्त किया जाएगा। प्रदेश में वन विभाग या अन्य विभाग में किसी परियोजना के आरम्भ होने पर इन कर्मचारियों व अधिकारियों कार्य के लिए प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
भरमौरी ने कहा कि वन विभाग के समस्त अधिकारियों को वनों को आगजनी से बचाने तथा सदैव तत्पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस संबंध में उन्हें पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों व स्थानीय जनता से निरंतर बैठकें करने को कहा गया है। उन्होंने कहा हालांकि इस वर्ष आगजनी की काफी कम घटनाएं हुई हैं, लेकिन विभाग को हमेशा इनसे निपटने के लिये सजग रहना चाहिए। उन्होंने आम जनमानस से भी अपील की है कि वनों के सरंक्षण में अपना योगदान करें और आगजनी से वनों को बचाएं।