रामपुर बुशहर । एमबीएम ब्यूरो
आखिरकार लंबी जद्दोजहद व जोखिम उठाकर 4 से
5 साल की उम्र के गौरव का बीती रात एनकाउंटर कर दिया गया है। गौरव ही साढे़ तीन साल की मासूम बच्ची की मौत का जिम्मेदार था। किसी ओर बच्चे पर गौरव हमला न करे, इसके लिए गौरव को नरभक्षी घोषित कर दिया गया था। शार्प शूटर्स की टीम के साथ डीएफओ अमित शर्मा को सर्च लाइट उठाकर रात को गौरव की तलाश करनी पड़ी। करीब 10 के आसपास गौरव को पशाडी गांव के समीप एक खड्ड के किनारे निशाना बना लिया गया था। लेकिन गौरव के शव को सुबह ही बरामद किया गया क्योंकि गोली लगने के बाद घायल अवस्था में नर तेंदुआ गौ
5 साल की उम्र के गौरव का बीती रात एनकाउंटर कर दिया गया है। गौरव ही साढे़ तीन साल की मासूम बच्ची की मौत का जिम्मेदार था। किसी ओर बच्चे पर गौरव हमला न करे, इसके लिए गौरव को नरभक्षी घोषित कर दिया गया था। शार्प शूटर्स की टीम के साथ डीएफओ अमित शर्मा को सर्च लाइट उठाकर रात को गौरव की तलाश करनी पड़ी। करीब 10 के आसपास गौरव को पशाडी गांव के समीप एक खड्ड के किनारे निशाना बना लिया गया था। लेकिन गौरव के शव को सुबह ही बरामद किया गया क्योंकि गोली लगने के बाद घायल अवस्था में नर तेंदुआ गौ
रव ओर अधिक खूंखार हो सकता था। आज सुबह जब वन विभाग की टीम दोबारा गौरव की तलाश में निकली तो पत्थरों की ओट में गौरव को मृत पाया गया। वीरवार की रात को गौरव को चूहा बाग क्षेत्र के समीप साइट किया गया।
यह माना गया कि गौरव ने चट्टान से धकेल कर एक गाय को अपना शिकार बनाया है। लेकिन गौरव ने वीरवार की रात इस गाय को नहीं खाया, लिहाजा उम्मीद थी कि शुक्रवार की रात को गौरव इसे खाने आएगा। लेकिन जब रात को वन विभाग की टीम शार्प शूटर्स के साथ गौरव की तलाश में निकली तो परिणाम इसके विपरीत आया क्योंकि गौरव ऊंची जगह पर बैठकर अपने पुराने शिकार को खा रहा था। पूरी तरह निशाने पर आने के बाद ही शार्प शूटर ने गोली दागी। इसके बाद गौरव वहां से भाग गया।
सुबह जब गौरव की तलाश की जा रही थी तो उसी स्थान पर गौरव के खून के ट्रैसेज की मदद से टीम गौरव के शव तक पहुंच पाई। डीएफओ अमित शर्मा ने गौरव के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि नियमों के तहत अगली कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने माना कि घायल अवस्था में वन्य जीव अधिक खतरनाक हो जाता है।