बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : बिलासपुर जिला की दावीं घाटी के आँचल में स्थित उतरी भारत का सुप्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल तथा महाऋषि मार्कंडेय की तपोस्थली मारकंड में बैशाखी मेला वुधवार से शुरू हो गया है। लाखो लोगो के आस्था के प्रतीक महाऋषि मार्कंडेय में शुरू हुए इस मेले में पहले ही दिन 15 हजार श्रधालुओ ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए मार्कंडेय में बैशाखी का पवित्र स्नान किया।
श्रद्धालु वुधवार रात्री से ही आने शुरू हो गये थे जिन्होंने पूरी रात महाऋषि मार्कंडेय जी की तपोभूमि में भजन कीर्तन किया तथा वीरवार सुबह ब्रह्ममुहर्त में बैशाखी का पवित्र स्नान कर महाऋषि मार्कंडेय जी के मंदिर में पूजा अर्चना की। इस बार रात को आने वाले श्रधालुओ में पिछले वर्षो के मुकाबले काफी कमी देखी गई। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया वैसे वैसे श्रद्धालु की संख्या में इजाफा होता रहा और वीरवार पूरे दिन भर श्रद्धालुओ के आने जाने का ताँता लगा रहा। यहाँ पर श्रद्धालु बिलासपुर के साथ साथ हमीरपुर सोलन शिमला मंडी कांगड़ा तथा पडोसी राज्य पंजाब हरियाणा दिल्ली से यहाँ पर अपने परिवार तथा मित्रो के साथ यहाँ पर पहुंचे।
इस बार मार्कंडेय मंदिर में पर्यटक विभाग का कार्य चला हुआ है जिसकी वजह से मार्कंडेय मंदिर परिसर का अधिकतर भाग रुका हुआ है जिसके बाबजूद श्री मार्कंडेय मंदिर प्रबंधन ने श्रधालुओ के लिए पहले से ही व्यवस्था कर रखी थी, ताकि किसी भी श्रद्धालु को यहाँ पर किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आये। मंदिर समिति ने वाहनों को मंदिर से आधा किमी पहले ही रोक दिया था ताकि मंदिर के पास जाम की दिक्कत न हो। मंदिर समिति ने वाहनों की पार्किंग के लिए स्थान निधार्दित किया हुआ था।
वीरवार पूरे दिन भर श्रधालुओ के आने जाने का ताँता लगा रहा। यहाँ पर जिले के कई आला अधिकारियो ने भी अपने अपने परिवार सहित मार्कंडेय में बैशाखी का पवित्र स्नान कर पूजा अर्चना की। बैशाखी पर्व के मौके पर कई भगतो ने यहाँ पर विभिन्न विभिन्न प्रकार के लंगर लगाए हुए थे जिनमे मिठाइयो सहित कई तरह के पकवान बनाए जा रहे थे।
मंदिर समिति ने स्वछता को ध्यान में रखते हुए सभी दुकानदारों को बड़े बड़े कूड़ादान दिए हुए थे जो हर दूकान के आगे लगे हुए थे इसके साथ ही दुकानदारों को सख्त हिदायत थी की किसी भी प्रकार का कूड़ा मेला परिसर में न फैले। जिस दुकानदार की दूकान के आगे कूड़ा मिलेगा उसको उसी समय मेला ग्राउंड से बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा। मार्कंडेय में बैशाखी मेले को लेकर कई मान्यता है कहा जाता है की महाऋषि मार्कंडेय जी को बैशाखी वाले दिन ही भोले बाबा से अमरतत्व का वरदान मिला था। इस दिन यदि ब्रह्म्मुह्रत में यहाँ पर स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना की जाए तो पिछले जन्म के पापो से मुक्ति मिलती है और बहुत बड़े पुन्य की प्राप्ति होती है।
महाऋषि मार्कंडेय को बाल रक्षक देवता के रूप में भी पूजा जाता है। मान्यता है की यदि किसी दम्पति के संतान नही हो तो वह मार्कंडेय में आकर महाऋषि मार्कंडेय जी की एक आँख में काजल डाल कर संतान प्राप्ति की कामना करे तो उसको संतान प्राप्ति हो जाती है तथा संतान प्राप्ति के बाद उस दम्पति को दोबारा से यहाँ आकर महाऋषि मार्कंडेय की दूसरी आँख में काजल लगाना पड़ता है।