सोलन (एमबीएम न्यूज़) : पुलिस ने पिछले करीब दो वर्षों से लापता चल रही एक ग्यारह वर्षीय बालिका को आखिर ढूंढ ही लिया है। इस गुत्थी को सोलन पुलिस ने चाइल्ड हेल्पलाईन की मदद से सुलझाया है। बालिका ब्यूटीफुट सिटी चंडीगढ़ के एक शैल्टर होम में रह रही थी और वहां पढ़ाई भी कर रही थी। सोलन पुलिस ने बालिका के परिजनों को इस संदर्भ में सूचित कर दिया है। इस सूचना के बाद बेटी को लेने के लिए उसके परिजन उत्तराखंड के चकरौता से सोलन के लिए रवाना हो गए हैं।
उम्मीदी है कि शुक्रवार की सुबह तक बालिका के परिजन सोलन पहुंच जाएंगे। इसके बाद ही पुलिस बालिका को परिजनों के हवाले करेगी। इस मामले में माना यह भी जा रहा है कि बालिका सोलन के जिस परिवार के पास रहती थी, उनके खिलाफ पुलिस कानूनी कार्रवाई हो सकती है। एसपी अंजुम आरा ने मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई 2015 में सोलन में रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उन्होंने उत्तरांचल के चकरौता निवासी शुपा राम की नौ वर्षीय बेटी को पढऩे के लिए अपने पास रखा हुआ था लेकिन वह अचानक लापता हो गई है।
बालिका के लापता होने की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और उसकी काफी तलाश कीए लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। फरवरी 2016 में यह मामला एएचटीयू शिमला को रेफर कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले बालिका के पिता शुपा राम ने उनसे मुलाकात करके उसकी बेटी को खोजने की गुहार लगाई थी। इस पर उन्होंने शिमला से मामले की फाइल वापस मंगवाई और उसकी जांच का जिम्मा वुमेन सेल के प्रभारी एएसआई बृजलाल व आरक्षी पवन को सौंपा। वुमेन सेल प्रभारी ने कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार बालिका को चंडीगढ़ के शैल्टर होम में खोज लिया।
एसपी ने बताया कि 2015 में बालिका सोलन से चंडीगढ़ पहुंची और वहां चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्यों ने उसे देख लिया। बालिका अपना पता उत्तराखंउ का बताती रही। इसी दौरान उसे शैल्टर होम में रखा गया, लेकिन उसके परिजनों का पता नहीं चल पाया। शैल्टर होम के संचालकों ने बालिका को स्कूल में दाखिल करवा दिया और वहां अभी वह छठी कक्षा में पढ़ रही थी। एसपी अंजुम आरा ने बताया कि बालिका को सोलन लाया गया है और उसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद उसके परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा। उसके परिजनों को भी सूचना दे दी गई है और वह गुरूवार को ही चकरौता से सोलन के लिए रवाना हो चुके हैं।
सोलन पुलिस की मामले में अब तक की गई छानबीन में पता चला है कि बालिका के परिजनों ने आर्थिक तंगी के चलते अपनी बेटी को सोलन के एक परिवार के पास रखा था। हालांकि यह परिवार उसे एसवीएम स्कूल में पढ़ा रहा था। पुलिस को सूचना यह भी मिली है कि बालिका को प्रताडि़त करने के साथ-साथ उसे पीटा भी जाता था। यही कारण रहा कि बालिक इस परिवार की प्रताडऩा से दुखी आकर घर से भाग गई। सौभाग्य यह रहा कि बालिका चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्यों की नजर में आ गई और सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गई।
उधर पुलिस अधीक्षक सोलन अंजुम आरा का कहना है कि मामला बालिका के बयानों पर निर्भर करेगा। यदि उसके साथ कोई क्रूरता हुई है तो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस बालिका के परिजनों का सोलन पहुंचने का इंतजार कर रही है। जैसे ही बालिका के परिजन सोलन पहुंचते हैं तो इसके बाद बालिका को उन्हें सौंप दिया जाएगा। साथ ही मामले से जुड़े हर पहलू की बालिका के परिजनों से भी पूछताछ की जाएगी।