– सालों से कारोबार में जुटे बाबूराम ने किया दावा, आमदनी का भी बेहतर साधन बना हरड़ उत्पादन
-कई रोगों के लिए रामबाण औषधी भी है हरड़
रेणु कश्यप । नाहन : हिमाचल के जिला सिरमौर की हरड़ पड़ोसी राज्य पाकिस्तान में भी धूम मचा रही है। यहां की हरड़ पंजाब राज्य में बिक्री होती सप्लाई होती है, जहां से इसकी सप्लाई पाकिस्तान व अन्य देशों को होती है। यह दावा पच्छाद विकास खंड के तहत जामन की सैर पंचायत में हरड़ का उत्पादन करने वाले बाबूराम ने किया है।
बता दें कि सिरमौर जिला में कई स्थानों पर हरड़ का उत्पादन होता है। पच्छाद के हरड़ उत्पादकों का कहना है कि यहां की हरड़ अमृतसर व होशियार मंडियों में बिक्री हेतू भेजी जाती है। इसके बाद पाकिस्तान सहित अन्य देशों को इस हरड़ की सप्लाई होती है। हरड़ उत्पादन आमदनी का भी बेहतर साधन बना है।
जामन की सैर पंचायत में हरड़ का उत्पादन कर रहे स्थानीय निवासी बाबूराम की मानें तो वह पिछले 45-50 सालों से हरड़ का कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह काफी मात्रा में हरड़ का उत्पादन करते हैं, जिसे अमृतसर व होशियारपुर मंडियों में भेजा जाता है। इन शहरों से ही हरड़ की सप्लाई पाकिस्तान व अन्य देशों में होती है। उन्होंने बताया कि हरड़ अलग-अलग ग्रेड के हिसाब से बिकती है। साइज के हिसाब से हरड़ 50 से 200 रूपए किलो के हिसाब से भेजी जाती है।
उधर जानकारों के अनुसार हरड़ कई रोगों के लिए रामबाण औषधी है। इसमें कई चिकित्सकीय गुण समाए है। जानकारों की मानें तो हरड़ से बनी गोलियों का सेवन करने से भूख बढ़ती हैै और उल्टी होने पर हरड़ व शहद का सेवन करने से उल्टी बंद हो जाती है। भोजन के बाद यदि पेट में भारीपन महसूस हो तो इसका सेवन करने से राहत मिलती है। शरीर में थकावट महसूस नहीं होती और स्फूर्ति बनी रहती है। इसके अलावा अगर शरीर में घाव हो जाएं, तो हरड़ से उस घाव को भर देना चाहिए। कुल मिलाकर हरड़ अन्य कई रोगों के लिए भी प्रयोग में लाई जाती है।