– 10 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री रावत से करेगा मुलाकात
पांवटा साहिब। एमबीएम न्यूज नेटवर्क : हिमाचल-उत्तराखंड की सीमा पर कुल्हाल बैरियर पर इस साल भी सिखों के जत्थे को देहरादून की सीमा में दाखिल नहीं होने दिया गया। एक तरह से यह रिवायत ही बन गई है कि उत्तर भारत के अलग-अलग हिस्सों से सिखों का जत्था हरिद्वार में हर की पौड़ी में श्री ज्ञान गोदरी गुरुद्वारे के पुनर्निमाण की मांग को लेकर उत्तराखंड में दाखिल होना चाहता है, लेकिन पुलिस उन्हें रोक देती है।
फाइल फोटो
देहरादून एसपी (देहात) मनीकांत मिश्रा के नेतृत्व में बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बाद में सिखों के जत्थे के 10 सदस्यों को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलने की अनुमति प्रदान कर दी गई। ऐसा माना जाता है कि सिखों के पहले गुरु नानक देव जी ने 1504-05 में हर की पौड़ी की यात्रा की थी। इस दौरान श्री ज्ञान गोदरी गुरुद्वारे का निर्माण हुआ था। लेकिन 1978 में सौंदर्यकरण की दलील देकर गुरुद्वारे को गिरा दिया गया था। उसके बाद 1984 में इसे स्काउट एंड गाइड के हवाले कर दिया गया।
पिछले कुछ सालों से सिख समुदाय इस गुरुद्वारे के पुनर्निमाण की बात कर रहा है। नवंबर 2012 में सिख समुदाय के जत्थे ने प्रवेश रोके जाने पर कड़ा एतराज जताते हुए ट्रैफिक जाम भी किया था। इसी बीच देहरादून के एसपी (देहात) मनीकांत मिश्रा ने एमबीएम न्यूज से बात करते हुए कहा कि सिख जत्थे के प्रवेश को कानूनी व्यवस्था के मद्देनजर प्रतिबंधित किया गया। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि 10 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल इस मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रहा है।