शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने वर्ष 2017-18 के लिए 37 हजार 939 करोड़ 97 लाख 73 हजार की राशि को ध्वनिमत से हिमाचल प्रदेश राज्य की संचित निधि से जारी कर इसे प्रदेश सरकार को खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
काबिलेगौर है कि बीते 10 मार्च को पेश किए गए वर्ष 2017-18 के बजट अनुमानों और 1 मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुपूरक बजट को सदन ने लंबी चर्चा के उपरांत प्रदेश की संचित निधि से इसे राज्यपाल की सिफारिशों के बाद खर्च करने की मंजूरी दी।
सदन ने दोपहर बाद साढ़े चार बजे हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2017 पारित कर लगभग 29 विभागों की बजट अनुदानों पर मोहर लगाई।
इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने स्वास्थ्य, शिक्षा, लोकनिर्माण विभाग, कानून व्यवस्था एवं पुलिस, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य, शहरी विकास विभाग के अलावा अन्य सभी मागों को विपक्ष के सदस्यों द्वारा लाए गए कटौती प्रस्तावों को लगभग चार बजे गलोटिन लागू कर निरस्त कर दिया और बजट अनुदानों को बिना चर्चा के स्वीकार करने के लिए सदन की मंजूरी के लिए रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
बाद में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश राज्य की संचित निधि से वित वर्ष 2017-18 के लिए 37 हजार 939.97 करोड़ की राशि जारी करने के लिए विनियोग विधेयक 2017 पेश किया, जिसे सदन ने एक बार फिर ध्वनिमत से स्वीकार लिया।
सदन ने परंपरा के मुताबिक विधानसभा, राज्यपाल और मंत्रिपरिषद तथा न्याय प्रशासन के लिए दी गई अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं की और इसे विनियोग विधेयक में शामिल कर दिया गाय।
इस बजट सत्र के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में लाए गए बजट अनुमानों, अनुपूरक बजट और सदस्यों के सुझावों के उपरांत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने विनियोग विधेयक को सदन की मंजूरी के लिए रखा, जिसे दोनों पक्षों के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर मंजूरी प्रदान की।