नाहन (एमबीएम न्यूज): शहर में चिकन व मटन की गुणवत्ता सही नहीं मिली है। साथ ही पाया गया है कि बगैर लाईसेंस के ही इसे बेचा जा रहा है। बूचडख़ाने में हर सुबह कटने वाले बकरे व मुर्गों आदि का एंटीमॉर्टम (मृत्यु पूर्व) नहीं करवाया जा रहा है। इसके मुताबिक पशुपालन विभाग के पॉली क्लीनिक में चिकन व मटन के लिए इस्तेमाल होने वाले पशुओं की जांच एक दिन पहले की जाती है। स्वास्थ्य ठीक होने पर इस पर स्टाम्प लगाई जाती है।
विभाग को शिकायतें भी मिल रही थी। साथ ही विभाग ने महसूस किया कि एंटीमॉर्टम के लिए कम संख्या में बकरे आ रहे हैं। जबकि शहर में मांस बिक्री की दुकानें बढ़ी हैं। शुक्रवार को पशुपालन विभाग व नगर परिषद ने पुलिस के सहयोग से चिकन व मटन की दुकानों पर दबिश दी। इस दौरान पाया गया कि आधा दर्जन दुकानों के लाईसेंस रिन्यू नहीं हैं। जबकि चिकन के लाईसेंस पर मटन बेचा जा रहा है। इस दौरान करीब 20 किलो मटन को फेंका भी गया। यह भी पता चला कि पशुओं की चर्बी का भंडारण किया जा रहा है, जो कायदे से नहीं किया जाता।
उधर पशुपालन विभाग की सहायक निदेशक डॉ. नीरू शबनम ने पुष्टि करते हुए कहा कि कई जगहों पर पुराना मटन भी मिला है, जिसे फौरन ही नष्ट कर दिया गया। उन्होंने चिकन व मटन के विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से लाईसेंस रिन्यू करवाने का आग्रह किया है। साथ ही एंटीमॉर्टम को भी सुनिश्चित करने को कहा है।