शिमला (एमबीएम न्यूज़) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कम्प्यूटर व आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक माह के भीतर नीति को तैयार किया जाएगा। बैठक में कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के मामलों पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बावा हरदीप सिंह द्वारा प्रस्तुत की गई मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्बे समय से कार्य कर रहे पंचायत चौकीदारों को नियमित करने के लिए सहानुभूतिपूर्वक पग उठाते हुए नीति बनाई जाएंगी। पंचायत चौकीदारों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाआें को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने हाल ही में उनके मानदेय को 2050 रुपये से बढ़ाकर 2550 रुपये किया है। आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय को भी बढ़ाकर एक हजार रुपये किया गया हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों विशेषकर हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को पेंशन प्रदान करने के लिए अलग प्रावधान किया जाएगा और पेंशन हैड के तहत उपलब्ध धनराशि को किसी अन्य कार्य पर उपयोग नहीं किया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों को समय पर पेंशन भुगतान प्रदान करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने स्कूल प्रबन्धन समितियों द्वारा रखे गए अध्यापकों को अन्य स्थानों पर बदलने व स्थानान्तरित न करने के भी निर्देश दिए, क्योंकि वे दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि एसएमएस अध्यापकों की सेवाओं को सत्र 2017-18 में भी जारी रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पंचायतों द्वारा रखे गए वाटर गार्डों के लिए नीति तैयार करने को भी कहा, परन्तु उनके मानदेय की अदायगी सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सेवाओं को परिभाषित और मुख्यधारा में जोड़ने की आवश्यकता है ताकि उन्हें लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पंचायती राज तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी ताकि इस मामले का निदान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की पदोन्नति शर्तों में छूट देने पर कहा कि सरकार ने 25 वर्ष से घटाकर 20 वर्ष तक वर्क इंस्पेक्टर व सर्वेयर के पदों पर सेवा देने वाले को जेई पद पर पदोन्नति के लिए छूट देने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
बावा हरदीप सिंह ने इस अवसर पर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र में दिहाड़ी को 250 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये करने की मांग भी रखी। उन्होंने कहा कि वाटर कैरियर के नियमितिकरण के लिए निर्धारित शर्त को 14 वर्ष से घटाकर आठ वर्ष किया जाना चाहिए। उन्होंने पम्प आप्रेटरों के नियमितिकरण की सेवा अवधि को भी कम करने का आग्रह किया।
उद्योग विभाग के निदेशक राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को अन्य मांगों के बारे में जानकारी दी। बैठक में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी व विभिन्न संघों व एसोसियेशन के प्रतिनिधि उपस्थिति थे।