ऊना (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश के मुख्यमंत्री को कटवाल बनाम वीरभद्र मानहानि मामले में राहत मिल गई है। ऊना की सीजेएम कोर्ट में 2004 से चल रहे मानहानि मामले को मंगलवार को खारिज कर दिया गया। अदालत में कटवाल को पेश होकर गवाहों के बयान दर्ज करवाने थे, लेकिन एसएम कटवाल खुद अदालत में पेश नहीं हुए, बल्कि उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कहा कि बढ़ती उम्र के कारण अब वे कोर्ट में नहीं आ सकते। जिसके चलते आगे केस नहीं चलाना चाहता।
अदालत में कटवाल के वकील की अर्जी को स्वीकार कर मामले को खारिज कर दिया गया। 2004 में सीएम वीरभद्र सिंह ने ज्वालामुखी के गांव रोहाड़ा में एक जनसभा के दौरान अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड हमीरपुर को भ्रष्टाचार का अड्डा करार देते हुए ब्यान दिया था। जिसे लेकर बोर्ड के पुर्व अध्यक्ष एस एम कटवाल ने माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
मुख्यमंत्री की तरफ से कोर्ट में पैरवी कर रहे एडवोकेट वाीरेंद्र धर्माणी ने बताया कि एसएम कटवाल को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुनाई है जिसके बाद से एसएम कटवाल अंडरग्राउंड चल रहे है। उन्होंने बताया कि आज कटवाल को कोर्ट में पेश होना था तथा गवाहों के ब्यान कलमबद्ध करवाने थे, लेकिन कटवाल आज खुद अदालत में पेश नहीं हुए।
उन्होंने बताया कि कटवाल के वकील ने कोर्ट को अर्जी दी है कि कटवाल बढ़ती उम्र के कारण इस केस को आगे नहीं बढाना चाहते जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है, और सीएम वीरभद्र सिंह को राहत मिल गई है।
सीएम वीरभद्र सिंह की ओर से अधिवक्ता वीरेंद्र धर्माणी ने ने कहा कि कटवाल के न आने से उनके वकील द्वारा दी गई अर्जी के आधार पर मामले को खारिज किया गया है। उन्होंने कहा कि कटवाल स्वयं सजाजाफता है