नाहन (एमबीएम न्यूज) : सिरमौर के वयोवृद्ध स्वतंत्रता सैनानी जगमोहन रमौल को सैंकड़ों की तादाद में लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी । जगमोहन रमौल का राजकीय सम्मान के साथ बांकुवाला में अंतिम संस्कार किया गया । प्रदेश सरकार की ओर से उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया ने स्व0 जगमोहन रमौल के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पुलिस द्वारा सलामी दी गई और स्वतंत्रता सैनानी के सम्मान में आठ राऊंड फायर किए गए ।
उपायुक्त ने जगमोहन रमौल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की । उपायुक्त द्वारा हिमाचल प्रदेश स्वतंत्रता सैनानी नियमावली के अनुसार उनके अंतिम संस्कार के लिए 15 हजार की सम्मान राशि परिजनों को प्रदान की गई । इस अवसर पर एडीसी हरंबंस नेगी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान, तहसीलदार आरडी हरनोट, अजय सोलंकी, डीपीआरओ बीआर चौहान सहित असंख्य लोगों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी गई ।
सुबोध रमौल ने जानकारी दी कि उनके पिता जगमोहन रमौल लगभग डेढ साल से अस्वस्थ चल रहे थे और उन्होने आज प्रातः लगभग पौने चार बजे 95 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरांत अपने निवास स्थान अमरपुर मौहल्ला स्थित शिव कुटीर में अंतिम सांस ली । उन्होने बताया कि जगमोहन रमौल का जन्म 5 मार्च 1922 को हुआ था और स्वतंत्रता संग्राम में उनका सर्वाधिक योगदान रहा है । जगमोहन रमौल अपने पीछे तीन बेटे और दो बेटियों को छोड़ गए हैं।
उन्होने अपने पिता के अनुभवों को सांझा करते हुए बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जगमोहन रमौल ने कड़ी सुरक्षा के बावजूद साहस दिखाकर नाहन के शमशेर स्कूल के भवन पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराया था, जिसके एवज में उनको रियासती शासकों द्वारा काफी यातानाऐं दी गई और उनको छः मास का कठोर कारावास की सजा केंद्रीय आर्दश कारागार नाहन में काटनी पड़ी । उन्होने कहा कि जगमोहन रमौल एक सच्चे देश भक्त होने के अतिरिक्त एक महान समाज सेवक भी थे जिन्होने अपना सर्वस्व जीवन सिरमौर के लोगों की सेवा के लिए अर्पित किया था ।