कांगड़ा (एमबीएम न्यूज़) : जिला के शाहपुर के संजीव कुमार ने उद्यमशीलता की अद्भुत मिसाल पेश की है। उनके अनुसार अगर इंसान के मन में कुछ करने की लगन हो तो वह बड़ी से बड़ी बाधाओं का भी आसानी से मुकाबला कर सकता है।
संजीव कुमार कांगड़ा जिला के शाहपुर के एक साधारण परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। संजीव कुमार ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपने घर की आर्थिक स्थिति को बदल डाला है और एक नई सामाजिक पहचान बनाई है। वे बताते हैं कि पिता का साया सिर से उठने के उपरांत उन पर परिवार की जिम्मेदारी थी। घर का खर्चा चलाने के लिए उन्होने नालागढ़ में वर्धमान कम्पनी में पांच हजार रूपये के वेतन पर नौकरी कर ली। इतने कम पैसों में अपना तथा घर का खर्चा चलाना बहुत मुश्किल हो रहा था।
ऐसे में संजीव कुमार को पंजाब नैशनल बैंक के धर्मशाला स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण देने का पता चला। उन्हें आशा की किरण नजर आई और उन्होंने तुरन्त संस्थान से सम्पर्क किया तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी ली। संजीव कुमार ने मोबाइल रिपेयर के प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया। एक माह के कोर्स को सफलतापूर्वक सीखने के पश्चात उनके आत्मविश्वास में काफी वृद्धि हुई तथा इन्होंने स्वरोजगार को अपनाने का निश्चय कर लिया।
संजीव कुमार बताते हैं कि उनके लिए यह प्रशिक्षण बहुत उपयोगी साबित हुआ। वे बताते हैं कि उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत 2 लाख रूपये घर परिवार एवं मित्रों की सहायता से इक्टठे किये तथा 1लाख 75 हजार रूपये यूको बैंक शाहपुर से ऋण लिया। इसके उपरांत शाहपुर में एक किराए की दुकान लेकर अपना मोबाइल रिपेयर का कार्य शुरू किया। मेहनत और प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान के बूते पर देखते ही देखते दिन बदलने लगे।
संजीव कुमार बताते हैं कि वे मोबाइल रिपेयर से हर महीने लगभग 12 से 15 हजार रूपये कमा रहे हैं। संजीव की पत्नि ज्योति का कहना है कि उनके पति के आत्मविश्वास ने उनके परिवार की जिंदगी बदल दी है और वे सही ढंग से अपने परिवार का पालन-पोषण कर पा रहे हैं।
पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक कमल प्रकाश बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें।
वे बताते हैं कि संस्थान 18 से 45 वर्ष तक की महिलाओं और पुरूषों को डेयरी फार्मिंग, खुम्ब उत्पादन, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और सब्जियों की खेती, आलू एवं प्याज की खेती और प्राकृतिक संरक्षण, अचार और पापड़ बनाना, खिलौने बनाना, डुने पत्तल बनाना, कपड़े के बैग बनाना तथा मोबाईल रिपेयरिंग जैसे विभिन्न रोजगोरपूरक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार हेतु जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश कांगड़ा सीपी वर्मा का कहना है कि सभी जिलावासियों विशेषकर युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दिया जा रहा है, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। प्रशासन के इन प्रयासों में पंजाब नैशनल बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो बेहद सराहनीय है।
इस प्रकार के प्रशिक्षणों से लोग क्षेत्र विशेष के लिए आवश्यक ज्ञान प्राप्त कर एवं कौशल विकास से स्वरोजगार अपनाकर स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ें हैं। उनका कहना है कि जिला प्रशासन लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।