शिमला (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश भाजपा ने हाल ही में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा की जा रही अंधाधुंध घोषणाओं के बारे में एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है तथा सरकार से इन घोषणाओं को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों का खुलासा करने को कहा है।
आज यहां एक पत्रकार सम्मेलन में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक और शिमला के विधायक सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही घोषणाओं का मुददा पहली मार्च से शुरू होने वाले बजट अधिवेशन में उठाया जाएगा और सरकार से इस बारे में जवाब तलब करेंगे।
भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की घोषणाएं केवल एक चुनावी स्टंट है और वोट वटोरने के तरीके के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह बेरोजगारों को भत्ता देने के वायदे से न केवल मुकरे हैं बल्कि उन्होंने लाखों बेरोजगारों को मूर्ख बनाकर उनके भविष्य से खिलवाढ़ किया है।
कौशल विकास कार्यक्रम के साथ-साथ बेरोजगारों को भत्ता देने की मांग को दोहराते हुए भारद्वाज ने कहा कि सतारूढ़ दल के कई नेता इस पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि बजट अधिवेशन के दौरान यह एक मुख्य मुददा बनने जा रहा है।
भारद्वाज ने कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी को मंडी में स्थापित किए जाने का कोई औचित्य नहीं है, जबकि मंडी में अभी तक कोई भी मेडिकल कालेज नहीं है और नेर चौक का मेडिकल कालेज भी अभी चालू नहीं है। उन्होंने कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी या तो टांडा में हो या आईजीएमससी में।
भारद्वाज ने आईजीएमसी अस्पताल की सुपर स्पेशिलिटी शिमला के निकट मल्याणा गांव में निर्मित करने के प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि यह व्यवहारिक नहीं है और इसे आईजीएमसी में खोला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर जिले में डायलिसिस सेंटर खोलने का प्रस्ताव है, लेकिन दुर्भाग्य है कि हिमाचल सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई प्रस्ताव ही तैयार नहीं किया। उन्होंने कहा कि सच्च यह है कि हिमाचल सरकार केंद्र सरकार से मिलने वाली धनराशि को खर्च ही नहीं करना चाहती।
भाजपा नेता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में पड़े खाली पदों पर आउटसोर्स से तैनात कर रही है लेकिन इसमें भी फर्जीवाड़ा हो रहा है। भारद्वाज ने आरोप लगाया कि आउटसोर्स एजेंसियों को कुछ कांग्रेसी नेता चला रहे हैं और वे अपने चहेतों की इसमें भर्तियां कर रहे हैं।