-डीसी ने एसडीएम को सौंपी तमाम रिकॉर्ड जुटाने की जिम्मेदारी
-बिंदल के खास सिपाहसलार है विनोज शर्मा
शैलेंद्र कालरा । नाहन
सिरमौर भाजपा के सचिव विनोज शर्मा के सैलानी रिजोर्ट के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) अगली सुनवाई 8 अप्रैल को करेगा। इसी बीच प्रशासन ने भी रिजोर्ट के निर्माण से जुडे़ विभागों से रिकॉर्ड जुटाने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक डीसी रितेश चौहान ने एसडीएम ज्योति राणा को इस रिजोर्ट के निर्माण से जुड़े तमाम तथ्य एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तमाम रिकॉर्ड को एनजीटी के समक्ष पेश किया जा सके।
ऐसा माना जा रहा है कि इस निर्माण से जुड़े तमाम विभागों की जल्द ही एक बैठक बुलाई जा सकती है। खामियां पाए जाने की सूरत में प्रशासन अपने स्तर पर भी कार्रवाई कर सकता है।
एनजीटी में याचिका दायरकर्ता संजय सिंघल ने निर्माण कार्य पर कई तरह से सवाल उठाए थे। इसमें दलील दी गई थी कि गैर मुमकिन नदी के अलावा जंगलझाड़ी में पारिभाषित भूमि में रिजोर्ट का निर्माण कैसे कर दिया गया। एनजीटी द्वारा 31 मार्च को पारित आदेश में रिजोर्ट की तमाम व्यवसायिक गतिविधियों को स्थगित करने के आदेश दिए गए थे। इसकी पालना भाजपा सचिव ने अपने स्तर पर ही कर ली।
8 अप्रैल की सुनवाई में एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यह भी पूछा है कि रिजोर्ट में तरल गंदगी का कैसे समाधान किया जा रहा है। साथ ही यह भी बताने को कहा है कि रिजोर्ट मालिक द्वारा पानी की व्यवस्था कहां से कही जा रही है। एनजीटी ने यह भी बताने को कहा है कि रिजोर्ट तक सड़क बनाने को लेकर लोक निर्माण विभाग से अनुमति ली गई या नहीं। प्रतिवादी को वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत ली गई अनुमति भी पेश करने को कहा गया है। एनजीटी ने अपने आदेश में अगली सुनवाई तक रिजोर्ट में व्यवसायिक गतिविधियों को स्थगित करने के आदेश देते हुए कहा कि रिजोर्ट नदी में स्थित है।
लिहाजा इसका असर पर्यावरण व इकोलॉजी पर पड़ सकता है। इसी बीच डीसी रितेश चौहान ने कहा कि एनजीटी के आदेश को लेकर रिकॉर्ड एकत्रित किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी एसडीएम को सौंपी गई है।
क्या कहा याचिका दायरकर्ता ने?
इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करने वाले संजय सिंघल ने कहा कि आरटीआई के तहत करीब 247 पन्नों का रिकॉर्ड पहले ही एकत्रित है। उनका कहना है कि खानगी तकसीम का सहारा लेकर भूमि की मलकियत को 2 बीघा 8 बिस्वा से 10 बीघा 8 बिस्वा कर दिया गया। सिंघल का यह भी कहना है कि रिजोर्ट के निर्माण पर बुक्स में डेढ़ करोड़ का खर्च दिखाया गया है। इसमें से प्रतिवादी ने 96 लाख का ऋण दर्शाया है।