मंडी (वी कुमार) : शिलान्यास के दौरान उस काम को पूरा करने का समय निर्धारित किया जाता है, लेकिन सच यह है कि निर्धारित समय में कार्य कभी भी पूरा नहीं होता। यही कारण है कि विभागों और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगता है। मंडी में बनने वाले रैन बसेरे को एक वर्ष के भीतर बनाकर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी एक नया पत्थर तक नहीं लग सका है।
25 सितंबर 2016 को सीएम वीरभद्र सिंह ने मंडी जिला का तूफानी दौरा किया था। सीएम साहब ने एक के बाद एक दनदान करके शिलान्यासों और उदघाटनों की झड़ी लगा दी थी। उन्हीं में से एक शिलान्यास था मंडी में बनने वाले रैन बसेरे का। जिस दिन यह शिलान्यास किया गया था, उस दिन बताया गया था कि यह एक वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन चार महीनों से भी अधिक का समय बीत गया इस शिलान्यास को, आज दिन तक एक नया पत्थर इस कार्य में नहीं लग सका है।
इस बारे में जब नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी उर्वशी वालिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जगह कम होने के कारण अतिरिक्त जगह का प्रावधान किया जा रहा है। इसके लिए मामला फ़ोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए भेजा गया है। उर्वशी वालिया के अनुसार जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें कि रैन बसेरे के लिए केंद्र सरकार से एक करोड़ का बजट मंजूर हुआ है। इस रैन बसेरे का उनको ज्यादा लाभ मिलेगा जो किन्हीं कारणों से खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर होते हैं। हालांकि रैन बसेरा अभी बना नहीं है, लेकिन नगर परिषद ने यहां रात बिताने वालों के लिए रेट तय कर लिए हैं।
सामान्य लोगों से एक रात बिताने के लिए 50 रूपए लिए जाएंगे जबकि बुजुर्गों और विकलांगों के लिए यहां पर निशुल्क रात गुजारने का प्रावधान होगा। मंडी शहर में बहुत से ऐसे लोग हैं जो इन सर्द रातों को भी खुले आसमान के नीचे ही गुजार रहे हैं।
नगर परिषद ने रैन बसेरे को बनाने के लिए जो एक वर्ष निर्धारित किया था उसमें से 4 महीनों का समय तो बीत चुका है अब बाकी के बचे हुए समय में यह काम पूरा हो पाएगा, इस बात के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। क्योंकि फारेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद न जाने और कितनी कागजी प्रक्रियाओं से इस रैन बसेरे को अभी गुजरना होगा।