मंडी (वी.कुमार) : छोटी काशी के नाम से विख्यात शहर में अभी से ही शिवरात्रि महोत्सव की धूम देखी जा रही है। इसी कड़ी में सोमवार सुबह 4 बजे बाबा भूतनाथ मंदिर में भस्म आरती का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर वासियों ने भाग लेकर भगवान शिव का आशीवार्द प्राप्त किया। बता दें कि भस्म आरती मुख्य रूप से उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में ही की जाती है।
कहते हैं कि ’’अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का, लेकिन मौत भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाला का।’’ उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है और वहां पर होने वाली भस्म आरती भी। लेकिन अब उज्जैन में होने वाली भस्म आरती का छोटी काशी मंडी में भी आनंद उठाया जा सकता है। बीते वर्ष से शहर के प्राचीन बाबा भूतनाथ मंदिर में भस्म आरती का क्रम शुरू हुआ है। शिवरात्रि के नजदीक वर्ष में एक बार होने वाली इस भस्म आरती को लेकर भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला। यह आरती सोमवार सुबह 5 बजे मंडी शहर के प्राचीन बाबा भूतनाथ मंदिर में की गई। मंदिर में स्थापित पिंडी पर मक्खन का लेप चढ़ाया गया है और सोमवार को इस लेप पर महाकाल की आकृति बनाई गई थी।
मंदिर के पुजारी महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने पूरे विधि विधान से भस्म आरती की जिसमें बड़ी संख्या में शहर वासियों ने भाग लिया। भस्म आरती के दौरान मंदिर का आलौकिक नजारा देखते ही बन रहा था। महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के बाद बाबा भूतनाथ मंदिर मंडी में बीते वर्ष से भस्म आरती की प्रथा शुरू की गई है और इसे वर्ष में एक बार किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस आरती में भाग लेने से इंसान के भीतर बसा अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और साथ ही आरती के माध्यम से जगत के लिए मंगलकामना की जाती है। महंत ने बताया कि एक दिन पूरा संसार राख में ही मिल जाना है इसलिए राख को सबसे पवित्र माना गया है जिसके चलते इससे भगवान शिव के महाकाल रूप की आरती उतारी जाती है।
वहीं छोटी काशी के लोगों में इस बात को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है कि उज्जैन के बाद उनके शहर में भस्म आरती की प्रथा शुरू हुई है। बारिश होने के बाद भी लोग बड़ी संख्या में इस आरती में भाग लेने पहुंचे जो इस बात को दर्शाता है कि लोगों की भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था है।
बता दें कि मंडी में शिवरात्रि महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है और यही कारण है कि यहां पर एक महीना पहले यानी तारारात्रि से ही शिवरात्रि का आगाज हो जाता है। आने वाले दिनों में बाबा भूतनाथ के मंदिर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होगा जिसके माध्यम से भक्तों को भोले बाबा के विभिन्न रूपों के दर्शन भी करवाए जाएंगे।