शिमला (एमबीएम न्यूज): नशे के कारोबार का यह मामला काफी रोचक है। दरअसल हुआ यूं कि पुलिस ने शनिवार तडक़े विक्ट्री टनल के नजदीक उत्तर प्रदेश के तीन युवकों को दबोचा, जिनके कब्जे से एक बैग में संदिग्ध नशीला पदार्थ मिला। खुद आरोपियों ने इसे सफेद अफीम बताया। नशे के कारोबार की कमर तोडऩे में जुटी पुलिस को प्रारंभिक जांच में ब्राऊन शूगर लगी।
संदेह इस वजह से हुआ, क्योंकि इतनी मात्रा में ब्राऊन शूगर की तस्करी साधारण से आरोपी अंजाम नहीं दे सकते थे, क्योंकि इतनी मात्रा में ब्राऊन शूगर की कीमत 10 से 12 करोड़ होती है। लिहाजा पुलिस ने फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया। मौके पर किए गए परीक्षण में पाया गया कि इस पदार्थ में किसी भी तरह की ड्रग के अंश नहीं हैं। यह अलग बात है कि पुलिस को प्रयोगशाला से अंतिम रिपोर्ट आने का इंतजार है।
पुलिस को शक है कि इस पदार्थ को ब्राऊन शूगर या फिर सफेद अफीम बताकर नशेडियों को बेचेे जाने की योजना होगी। चूंकि अब तक किसी को भी यह पदार्थ नहीं बेचा गया था, लिहाजा चीटिंग का मामला भी नहीं बनता। प्रयोगशाला में किसी भी तरह की ड्रग के अंश न पाए जाने की स्थिति में तीनों को छोडऩा पड़ेगा। दीगर है कि कुछ महीने पहले एनडीपीएस कानून में भी संशोधन हुआ है।
इसके मुताबिक अब अगर नशीले पदार्थ की कम मात्रा भी पाई जाती है तो वजन पूरा माना जाएगा, बेशक ही इसमें मिलावट की गई हो। दीगर है कि नशीले पदार्थों में भी मिलावट की बातें सामने आती रही हैं। लिहाजा पुलिस को अगर इस संदिग्ध पदार्थ में किसी भी नशीले पदार्थ का अंश मिलता है तो इसे पौने तीन किलो ही माना जाएगा। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस पदार्थ को चाक मिट्टी का इस्तेमाल कर बनाया गया होगा।
उधर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भजन देव नेगी ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को बताया कि जांच चल रही है। उन्होंने इस बात को माना कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले तीनों ही व्यक्ति बैग में इस संदिग्ध पदार्थ को लेकर आए थे। मौके पर की गई जांच में इस पदार्थ में किसी भी ड्रग के अंश नहीं पाए गए हैं।