नेरचौक, 29 जनवरी( कपिल सेन) : नगर परिषद नेरचौक दंगल की मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई । यह साफ नहीं हुआ है कि बहुमत किस राजनीतक
विजयी प्रत्याशी
दल को मिला है । फ़िलहाल यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस व भाजपा को एक -एक पार्षद मिला है लिहाजा गेम निर्दलीय पार्षदों के हाथ में होगी। एक पार्षद के शपथ न लिए लेन की आशंका भी है।
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चुनाव अधिकारी ने देर शाम घोषणा करते हुए बताया कि नागचला वार्ड से लता कुमारी ने 313 मत, ढांगू से चेत सिंह ने 211 मत, धडवान से निर्मला देवी ने 3197, मझयाटल से सोनू ने 271 मत डडोर से आलम राम ने 322 मत सहयोली से रामकृष्ण ने 308 मत व कंसा से सुमन चौधरी ने 222 मत लेकर विजय प्राप्त की है। लोगों ने नगर परिषद के सरकार के निर्णय को सही ठहराते हुए इस मर्तबा भारी मतदान देकर उम्मीदवारों को जीत सुनिश्चित की है । चुनावों के शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने से अब नगर परिषद नेरचौक का प्रारूप पूरा हो गया है जी। इससे नगर परिषद को चलाने में अब सुगमता होगी बता दें कि पिछले 2 वर्ष से मतदान प्रक्रिया से जनता के कारण संपन्न ही नहीं हो पा रही थी।
वोट डालने के लिए पारी का इंतजार
सुबह साढ़े सात बजे से ही मतदाताओं ने आना शुरू कर दिया। जनता की चुनावों में भारी भागीदारी से नगर परिषद को स्वीकृति को समझा जा सकता है। कंसा चौक वार्ड 9 में मतदाता सुबह से लाईनों में लगे रहे,और दोपहर तक लाईने लंबी होती गई। लगभग दो सौ महिलाओं की लाईन का लगना सभी को हैरान कर रहा था। वहीं पुरूष भी बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लेने के लिए पहुँचे। वार्ड 10 डडौर में सुबह के समय थोड़े कम संख्या में मतदाता आए मगर दोपहर तक यहां भी मतदान करने वालों की लंबी लाईन देखी गई। स्योहली वार्ड 11 जिसमें पिछली मर्तवा किसी भी मतदाता ने अपने मत का प्रयोग न कर विरोद्ध जताया था ने अब कि बार पूरे जोश के साथ मतदान करने आए। वार्ड 2 ढांगु, वार्ड 3 धड़वाहन में भी चुनाव को लेकर सभी में उत्साह दिखाई दिया।
हालांकि वार्ड 7 नागचला में भी मतदान अच्छा हुआ लोग लंबी कतारों में मतदान करने के लिए खड़े रहे वहीं बजुर्ग वर्ग में भी मतदान को लेकर खासा उत्साह दिखा। वार्ड 8 में भी दोपहर तक मतदाताओं की भीड़ लगी रही। नगर परिषद के चुनाव शांतिपूर्ण रहे। और सभी वर्ग के मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। कंसा चौक में बहुत से मतदाताओं को सूचि में नाम न मिलने पर निराश होकर ही लौटना पड़ा। कंसा वार्ड में लगभग 50 से 60 व्यक्तियों के मतदाता सुची में नाम ही नहीं मिल पाया। जिससे लोग प्रशासन से खफा दिखे। टांवा के गोंबिंद, प्रकाश चंद, नरेश कुमार ने बताया कि हम वोट डालने के लिए आए थे। मगर हमार मतदाता सुची में नाम ही नहीं मिल पाया ।वहीं कुछ एक के तो पूरे परिवार के ही वोट नहीं बन पाए थे ।
वहीं चमन लाल का कहना हैं कि हमारे परिवार मे छः मतदाता हैं, मगर एक का भी नाम सूची में नहीं आया है। उनका कहना है कि पिछले दो से तीन वर्ष पहले जिन मतदाताओं का देहांत हो गया है उनका नाम सूची में हैं। कुछ मतदाताओं के तो दो-दो बार नाम सूची में शामिल किए गए हैं। जिस वजह से मतदाओं को परेशान होना पड़ा। दीप कुमार, हरदेव, गुरूदेव,शशी कुमार आदि ने आरोप लगाया कि जिनको सुचियां बनाने का कार्य सौंपा गया था। उन्होनें लोगों के घर जाने के बजाए अपने घर बैठकर ही चार वर्ष पुरानी मतदाता सुचियों के आधार पर सुचियां बना दी है। यह कर्मचारियों की काम चोरी का नतिजा है कि मतदाता अपने मौलिक अधिकार से वंचित रह गए।
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